Book Title: Jain Agam Vadya Kosh
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 58
________________ परिशिष्ट-१ अकार आदि अनुक्रम से प्राकृत शब्द एवं हिन्दी अर्थ आडम्बर नगाड़ा, नक्कारा कुक्कययं ८ तुंबवीणा, खुंखुणक, आमोट, आमोत १ आमोट, मंजीरा, मंजीर, रबाब मजीरा कुक्कयय ९ झुनझुना, झुंझनी, आलिंग आलिङ्ग । खुलखुला, खुंखुना, कंसताल कांस्यताल गिलकी कच्छभी कच्छपी वीणा कुतुब कुत्तुंबक ९ कुस्तुम्ब, गोपुच्छा, कच्छभी कच्छपी यवाकृति कच्छभी कच्छपी सितार, कुंतुंबर कुस्तुंबर, तुम्बकनारी, सरस्वती वीणा घुमट कडंब, करंब ४ गंजीरा,खंजीरा, कंजीरा, खरमुही खरमुखी, काहला, कडंब, दिमड़ी भूपाड़ो कणक कणक, तविल, हरीतिकी गोमुही गोमुखी, नरसिघा, रणकणित पावा, वश-पावा, सिंघा, बांकया, वारगु, क्वणिता बांके करड़ करटा, करट, करटी गोहिया गोधा, गोधिका, करटि, करड़ी ६ करटा, करट, करटी गारसिया, की लेजिम करधाण कम्रा, कम्रिका, कम्राट, घंटा घण्टा करधान, काष्ठताल घंटिया घर्घरिका, घंटिका, क्षुद्रकलताल करताल, खड़ताल, कठताल, राम गिड़गिड़ी, घंटा, धुंघरु गिड़गिड़ी चित्तवीणा सप्ततंत्री वीणा, चित्रा कलसिया कलश, पंचमुख वाद्य, वीणा, रबाब त्रिमुख वाद्य छब्भामरी षड्भ्रामरी, मेमेराजन, किणिय, किणित ७ ढोल, ढक वक्ष वीणा किरिकिरिय किरिकिरिय, किरिकिट्टक, झंझा शुक्ति वाद्य झल्लरि झल्लरी, भाण, चक्रकुंभा कुंभ, घड़ा, मटकी, वाद्य, करचक्र कलश झल्लरि झालर, झालर, जयघंटा झांझ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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