Book Title: Jain Agam Vadya Kosh
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 61
________________ तत वाद्य - जो वाद्य तंत्री युक्त होते है, उसे तत वाद्य के अन्तर्गत लिया गया है। कच्छभी कच्छभी कुक्क चित्तवीणा छब्भामरी झोड ढंकुण तंती तुंबवणा तूण तूणक नंदि नंदिघोसा नकुल पणव परिवायणी पव्वीसग बद्धीसग बल्लकी भामरी महति, महती वृद्धीसग वल्लकि विचित्रवीणा विपंचि वीणा परिशिष्ट-२ Jain Education International विवत वाद्य - जो वाद्य चर्मावनद्ध होते हैं, उसे वितत वाद्य के अंतर्गत लिया गया है। आडम्बर आलिंग कडंब, करंब कणक करङ करटि कलासिया किणिया, किणित कुतुंब, कुत्तुंबक कुतुंबर झल्लरि डमरूह डिंडिम दद्दरग दद्दरगा दुंदुभि, दुि दिघोष नंदीमुइंग पडह पणव भंभा भेरी मड्डय मद्दल महाभेरी मुइंग For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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