Book Title: Jain Agam Vadya Kosh
Author(s): Tulsi Acharya, Mahapragna Acharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 59
________________ ४८ जैन आगम वाद्य कोश झोडय डमरुह डिंडिम ढंकुण mMMC णंदिस्सरा तंती तल ताल तुंबवीणा तुडिय झोडय, एकतंत्री वीणा, घोष वीणा, घोषवती वीणा, ब्राह्मी वीणा, घोषक वीणा। डमरु, बुदबुदके, कुडुकुडुप्पे, नगाचंग डिण्डिमा, तबुल ढंकुण, गोपीयंत्र, गोपीजंत्र नंदीस्वर जंत्रवीणा, त्रितंत्रीवीणा, यंत्रवीणा, तंत्रवीणा, सितार, तम्बूरा तल, ताली, जाल्रा १७ ताल, ताली, टाड़ १७ तम्बूरा, तानपूरा १८ तुरुतुरी, तित्तरी, तुण्डकिनी, तुरही, तुर्य, तातुरी, कोम्बु, कहल, तुतरी तुण, तुनतुना, तुण-तुण, तुण-तुणे तुइला. तूणक २० दर्दुर, दर्दर, दर्दरक २० दर्दरिका, लघुदर्दरक २० दुंदुभि २१ नंदी, उपंग, आनंद लहरी, खंगम, अपंग नंदिघोस नंदीमृदंग नकुल, नकुली, नकुला नाली, नादी नङ, नढ़, नाली पटह, ढोलक पणव,वीणा,पल्लव वीणा पणव पणव, बड़े आकार का हुडुक परिपरि परिपरि परिली परिली, फिफली, फिरिली, फिलिली परिवायणी परिवादिनी, सप्ततंत्री वीणा पव्वग, पच्चग २५ पर्वक, मुखवीणा, छोटा नागसर पव्वीसग प्रविसक, पिनाकी वीणा, पिनाक, सुरवितान, पेना, पेन्नावीणा पिरिपिरिया २६ मुरली, मारगी मुरली, पिरिपिरि पिरिली, पिरली २६ पिरली, पुंगी, जिजीवी, तुम्बी, बीन, नागसर, महुवरि, महुदि, पीपिहरी __ पेया, महती काहला पोया महती काहला बद्धक तारपा, घोंघा, खोंगाडा, डोबरु, बद्धक बद्धीसग बद्धीसक, बुआंग, धनुषाकार वाद्य बल्लकी बल्लकी, सामान्य वीणा, एकतारा भंभा भम्भा, ढक्का, ढंका भामरी भ्रामरी वीणा, रुद्रवीणा, शिववीणा, तंजोरी वीणा भेरी भेरी मकरिय मकर, पट्टवाद्य, श्रीपर्णी मड्य मादल, मड्डलम् मद्दल मर्दल महति, महती महती वीणा, महावीणा, नारदवीणा, मत्तकोकिला वीणा, वन वीणा पेया तूण तूणक ददरग दद्दरिगा दुंदुभि, दुंदुहि नंदी my नंदिघोसा नंदीमुइंग नकुल नाली नाली my my my POPM M० my पडह पणव Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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