Book Title: International Jain Conference 1985 3rd Conference
Author(s): Satish Jain, Kamalchand Sogani
Publisher: Ahimsa International

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Page 11
________________ हिन्दी खण्ड (1) जैन आगम साहित्य साध्वी कनकधी (2) जैन रहस्यवाद डॉ. श्रीमती पुष्पलता जैन प्रो. प्रवीणचन्द्र जैन (3) जैन दर्शन में प्रतिपादित आधारभूत जीवन-मूल्य जैन मन्त्र-विद्या श्री सोहनलाल देवोत डॉ. वशिष्ठ नारायण सिन्हा (5) जैन दर्शन का सामान्य विशेषवाद डॉ. निजाम उद्दीन "प्राचारांग" में अहिंसा का विवेचन डॉ. कुमारपाल देसाई (7) गुजरात की संस्कृति में अहिंसा-भावना (8) जैन दर्शन और 'करुणा' श्री कन्हैयालाल लोढ़ा डॉ. के. प्रार. चन्द्र (9) विविध भारतीय भाषाओं के क्रमश: विकास की कड़ियों की सुरक्षा में जैनों का अद्वितीय प्रदान (10) जनदर्शन में मृत्यु-विषयक अवधारणा डॉ. श्रीमती शान्ता भानावत डॉ. राजेन्द्र प्रकाश भटनागर (11) जैन आयुर्वेद : समीक्षा और साहित्य डॉ. नरेन्द्र भानावत जैन दर्शन में जनतांत्रिक सामाजिक चेतना के तत्व Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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