Book Title: Hitopdeshmala evam Darshanshuddhi Prakaranam
Author(s): Prabhanandsuri, Chandraprabhsuri, Kirtiyashvijay
Publisher: Naginbhai Paushadhshala

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Page 210
________________ एवं दुविहो चि इमो एवं जिणा घणा इव एवं देसविरुद्ध एवं खु ज्जतपीलण एवंविहहिंसाए जो एवमणगारिगोयर एसो य दसणमणी एसो चउप्पयारो ओ ओसहभेसज्जाइ कम्मयओ पुण इत्थ कम्माण खओवसमेण २५९ २४५ ३२४ ४३१ ५३ १०६ ३० २११ १२१ क · २६१ कंदपं कुकुइय मोहरिय ४३३ कइवयदिणपाहुणपण -कज्जलरेहारहिय कट्ठमणुाणमणुट्ठिय ं पि३९७ कमला-विलासरहिओ ३६६ १९९ ४२९ करचरणनयणसवणुट्ठ कवि भावो किर कव्यं कस्स विकल्ला गिहस्स कह लहउ न बहुमाणं कह तेसिं चेयणत्तं ८९ १७९ कय केसवेसपरियरकय - विक्कयाणि निच्चं ३५४ [१८१] ६१ ३११ १३० ३४१ २६२ ४०० कह पुण इमो मुणिज्जइ ? २१२ कह ताव जणो सुक्खी कह हीरइ तस्स जीय का गणणा अन्नेसिं कामविणओ य कामिणि २१७ ३३५ ५१२ कायव्यं कज्जे वि हु ३०६ · काव्वो य पमाओ कारणिएहिं पि समं का वा परेसि गणणा किं इत्तो कटुयरं किं एय विउसत्तं ५०४ किं तित्थसत्थपरिसीलणेहिं ५९ ५५ किं नहलाउ विउलं किरिया कायकिलेसो कुणमाणो धम्मकहं कुणई विणओवयारं कुल जाइ रुवं मेहा कुल- रूव- रिद्धि- सामि के के जम्मण-जर - मरण केणावि अकयपुव्ब केवलनाणं पुण को तेयसी तवणाओ को वा दुसमसमुत्थे कोहो पीइलयाए कोहाइए कलाए ख खंडंति पिंडसोहिं खणमित्ततित्ति हैउस्स खलिय मि चोइओ खाइज्ज पिट्ठिमंस खित्ताइ हिरन्नाई ૪૭ ३०९ ३४३ ११२ ३७६ ४७१ २०१ ܘܘܟ ३५६ २३२ ३६९ ९७ ५४ ४०६ ४९३ ५१४ ४७८ ४७७ ३०१ २९५ ४२३ ग थत्थ-वियारे पत्थुय मि १७७ ५०८ २९२ गाह ति गहिरमुदहिं गिन्हावेइ य पाणि गिन्छे पयणुदोसे गुणपरिमलपरिहीणो १२५ ३६५

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