Book Title: Hitopdeshmala evam Darshanshuddhi Prakaranam
Author(s): Prabhanandsuri, Chandraprabhsuri, Kirtiyashvijay
Publisher: Naginbhai Paushadhshala

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Page 213
________________ धन्नाण विहिजोगो धन्ना विन्नायजहुत्त धन्ना गहिऊण इम धन्नाण दाणबुडी धण-धन्न-हिरन्नाइसु १६५ ३७९ ६५ १२९ ४५६ धम्मदुमस्स मूल १६ धम्मपडिकूलकुल १४ धरइ पडत' जो दुग्गईइ ३५० न ''तु ते जिनिंदा जति जीवगई ३८३ ३३२ नज्जति जेण तत्ता नणु कहमुवउत्ताणं वि नणु तेण रयणगब्भा aणु जिणभवणाणमिह १५५ नमिरसुरासुर-सिर न. य तयरि-जणवएंसु न य तस्स तन्निमित्तो ४६९ न य अन्नोषि हु बलव १९२ न य अन्न देसियाणं नयनत्तियमित्ण नरनाह- सम्मथाणं नवर से सविसेस २७६ नवनिहिणो वि निहिणा २३७ न हवइ छिप्पेही २०० नाण-किरियासु सिढिला ४७३ नाणड्ढयाण कुणइ य १०८ ३२३ १११ ३३१ निग्गथा वि हु मुणिणो ३३६ निद्वे विधवे उब्विय ति२२७ १३५ निम्मलत वोरयाणं निम्मविए जिणभवणे नियंजढरपिढरभरणिक्क- २३२ १६३ २ ܘܘܕ ७७ ४६७ [ १८४] नियतेय तिणीकयचड २५३ for for free विभाग १३२ निरह कारो वि नरो न ३८० निas - विरुद्ध पुर्ण निउण३२८ निसुर्णत पढ़त गुण तयाण५२५ निहणिज्जतो वि इमो ४८९ प. ४५१ पंच य महव्वयाई पंच य अणुव्वयाई' ४११ पंचिदियाणि मण - वयण ५० पच्चक्ख न य संसइ २९१ पज्जुसणे चउम्मासे पडिवज्जिऊण तिविह पडिवक्खविउडणेणं ४४६ २४९ २२३ ४३ ७८ ८२ पढमं अभयपयाणं पदम किर मइनाणं पढम जिणिदच देहिं पणतीस वयणगुण संगयाइ २५६ पणमित पाय उमे पत्ते य तम्भि खित्ताइ ५ ८ १८ ९२ पम्हुसइ मुक्खमग्ग पयइत्थपयत्थपयासणेण परनिंदा पुण भणिया ३७८ परिचत्त-पुरिसयारो परिचत्त-अट्ट-रुद्दे ३६७ परिचत्तसयललोइय ४८३ १२८ १९५ समति विग्घसंघा पसिणंति किन्हचित्त य ५१० पाणा संति इमस्सत्ति ४९ पाणिती जीवती ज ४६ पाणिहाईया ४१०

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