Book Title: Hirsundaramahakavyam Part 1
Author(s): Devvimal Gani, Ratnakirtivijay
Publisher: Jain Granth Prakashan Samiti

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Page 13
________________ अनुक्रमः जम्बूद्वीप-देश-नगर-नृपादिवर्णनो नाम प्रथमः सर्ग कुंरा-नाथी-गजस्वप्न-स्वप्नजागरिका-सखीगोष्ठ्यादिवर्णनो नाम द्वितीयः सर्गः गर्भधारण-दोहदोत्पादकथन-गर्भसमय-लक्षणाविर्भावन-जन्म-तन्महोत्सव -बालक्रीडा पठन-सर्वाङ्गलक्षणरूपवर्णनो नाम तृतीयः सर्गः श्री महावीरजिनेन्द्रमारभ्य श्रीविजयदानसूरीन्द्रं यावत्पट्टपरंपराप्रादुर्भावनो नाम चतुर्थः सर्गः १०९ १४६ हीरकुमारप्रतिबोध-स्वजनकृतमहोत्सव-पुराङ्गनाचेष्टित-तत्सङ्कथा-दीक्षाग्रहणो नाम पञ्चमः सर्गः । दक्षिणदिग्गमन-द्विजसमीपपठन-गुरुसमीपागमन-पण्डितवाचकाचार्यपदप्रदान नन्दिभवन-श्रीविजयसेनसूरिजन्मदीक्षादिवर्णनो नाम षष्ठः सर्गः वर्षा-शरत्-सूर्यास्त-सन्ध्याराग-तिमिर-तारक-चन्द्र-चन्द्रिका-वर्णनो नाम सप्तमः सर्गः शासनदेवतासमागमन-तत्सर्वांङ्गवर्णनो नामाष्टमः सर्गः परिशिष्ट-१ ईडरसत्कहीरसुन्दरप्रतेर्वाचना २३६ २५८ २९७ परिशिष्ट-२ हीरसुन्दरकाव्यस्य १-८ सर्गगतपद्यानामकरादिसूचिः ३१३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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