Book Title: Harshapuriyagaccha Aparnam Maldhari Gaccha ka Sankshipta Itihas
Author(s): Shivprasad
Publisher: Z_Vijyanandsuri_Swargarohan_Shatabdi_Granth_012023.pdf

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Page 13
________________ उक्त अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर मलधारगच्छीय मुनिजनों की गुरू- परम्परा की पूर्वोक्ति तालिका को जो वृद्धि गत स्वरूप प्राप्त होता है, वह इस प्रकार है : द्रष्टव्य- तालिका क्रमांक - २ जयसिंहसूर अभयदेवसूर हेमचन्द्रसूर विजय सिंह सूरि (वि.सं. ११९१/ई. सन् १९३५ में धर्मोपदेश मालावृत्ति के रचनाकार) श्रीचन्द्रसूरि विबुधचन्द्रसूरि (वि.सं. १९९३ / ई. मुनिसुव्रतस्वामिचरित के लेखन में सहायक) सन् ११३७ में मुनिसुव्रतस्वामि चरित के रचनाकार) देवानन्दसूरि (पाण्डवचरित महाकाव्य की रचना के प्रेरक, वि.सं. १२५९ में पार्श्वनाथ की प्रतिमा के प्रतिष्ठापक) Jain Education International मुनिचन्द्रसूरि यशोभद्रसू (पाण्डवचरित हर्षपुरीयगच्छ अपरनाम मलधारीगच्छ का संक्षिप्त इतिहास लक्ष्मणगण (वि.सं. १९९९ / ई. सन् १९४३ में सुपासनाहचरिय के रचनाकार) देवभद्रसूरि (संग्रहणीवृत्ति के रचनाकार) देवप्रभसू (पाण्डवचरित महाकाव्य की रचना में महाकाव्य के रचनाकार) सहायक) For Private & Personal Use Only नरचन्द्रसूरि (कथारत्नाकर के रचनाकार, वि.सं. १२८८ में महामात्य वस्तुपाल की गिरनार प्रशस्ति के लेखक) १७१ www.jainelibrary.org

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