________________
के महिपति भए के दिन के बीच
केसरि सौंधे राव
कोपि सेख पै साहि
को सायर को सूर
कोपि पतिसाहि रढ छाणि लभ्गे
कौन कौन पतिसाहि कै
(ख)
खट सहस द्वार रणथंभ
खड़ा खेत रणधीर
खड़ा सेख दोऊं दलन
खड़िये मीर अमीर सब
(ग)
गंग जमन दो नीर
गज इकसठ नो नो लख तुरी
गज सतरि सवा लख तुरी
गढ प्रगट रणथंभ साहि ग्यारा से दाहोतरा
म्यारा से चालीस
गया सनीपी भोज
गये देव घर छांडि
गही सेख कर सार गही टेक छाडै नहीं
गीदड़ स्यंध सिकार गौरीसुत सौंराव
(च) चकचू दरि गिली सरप
चढौ दिलीसुर कोपि
चतरंग के कंवर रणथंभ आये
च्यारभुजा प्रावध सहित
चलि आया पतिसाहि चहुं ओर चहुंवांन तें
(ज)
जब अपने-अपने देस
जब अलावदी साहि- साहि
( जब ) अलादीन हठ छाडि
( जब ) उलटि साहि दल फिर
Jain Educationa International
( ७६ )
१४
२१०
२४७
२६३
१३४
१४३
६३
७३
१७४
२६२
£5
६१
१८१
२६० श्र
८२
१३
२३
२६६
४३
२७२
२२७
१८५
२१७
१०३
१५८
२
२६
१५
३२०
३०६
२१६
२६८ अ
जब करले नीर हमीर
( जब ) कही महिमासाहि
जब करि बदन मलीन
२४३
२२३
२३१
जब करि सलाम साहि कौं
१६७
जब कहत वाहि (द) अलि हुकम पाऊं २५७
( जब) करि साहिब कौ यादि
२१६
जब कहै काकौ रणधीर
जब जैन सिकंदर साहि
जब नारद पतिसाह सौं
जब मीरां नौ सबद
जब राव रणधीर
जब राव रणधीर प्रापन सिघार जब लिखि परवाने राव
जब साहि सौं सूर सनमुख जुरिये
जब साहि उजीर सौं
जब समझया किन साहि
जब सुरजन कर जोरि
( जब ) हंसि के कहै हमीर
( जब ) हंसि कहै हमीर तुझि
( जब) हंसिके कहै हमीर
जब हंसिके कहै हमीर जब हमीर फुरवान
जब हमीर रणधीर साहि
जामन मरण संजोग
जिती घर सिर सेस के
जितो राव रणधीर
जीते सुरनर असुर सबै जुग कीरति जस वार करि
जुग येक बरख
जुग पावक सौं जरे जुमे राति पतिसाहि
जुरा मरन भय काल जेठ मास बुधवार
जैत सीस कर घरै कंवर
जैत राज रणथंभ
जो हमीर का हुकम
(ड)
डाक येक दस सहस
For Personal and Private Use Only
१५६
२६७
१८७
१३७
१५४
१५०
१५५
१४६
१२६
२८४
२२८
२२४
२२२
२१५
४१
५६
१२४
२३ε
६
२२०
४४
२०
२६४ अ
६०
१३६
१८८
२५०
२६१
३०८
२१८
&&
www.jainelibrary.org