Book Title: Hamir Raso
Author(s): Agarchand Nahta
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

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Page 92
________________ रूम स्याम कसमेरि (ल) लख पैंतालीस सहस दस लख रूमो रणधीर लिखि फुरवान पतिसाहि लिखे राव फुरवांन (व) वरस च्यारि दस माहि वरस पांच गढ छारिण को वरस पांच पतिसाहि वांचि साहि फुरवांन बीसलदे वीस कोड़ वे दोऊं वीर अजानसार (स) सत छाडि ग्रह चले बहौरि संकर कहै हमीर सौं संकर विसन गनेस सनमुख राव हमीर सदा समंद पार गया सेख समयेक पतिसाहि सरन राखि सेख न तजों सवा पांच ( मन ) कनक निति हि स्याबास हुकम करिये सार हमीर गहि छत्र तोरै साहि चहूं दिसी जीति अब साहि निहारत हसम दिसि सात वीस लख पड़े सात वीस लख हसम सायर सात हमीर साहि किसमति लिख देत साहि सम मैं आय साहि वचन यम ऊचरै सीस बिन सूर लरै रक्त भीनै सीस वचन यह ऊचरै सुतर सहस लख सुन बकसी के वचन सुनि कंवरन ये वचन Jain Educationa International ( ७६ ) सुनि रानी ये वचन सुनि हमीर के वचन १०२ सुनि हजरत यह वचन १७६ सुनि हजरति के वचन ४८ सुनि संकर के वचन जब २३० सुन दूत के वचन साहि सुदू के बचन के वचन राव ६५ ११ १५२ १७३ ५६ ५ १६६ १७० १२० १८६ ३०० ४० २७ २३७ ७५ २५८ २६१ १३३ १६५ १८३ १०४, ११६ २११ २८३ २१६ ३०३ २५६ ३१३ ६६ १४० १७१ सुदू सुमरौं देवी सरसती सुरति रही जिय मांहि सूर सनमुख तब सीस नावे सूरन करै सनेह सूर सोच मन में करे सूर दस सहस फूल हथ खेल सेख दोऊं कर जोड़ि सोरठ गढ गिरनारि २७७ सुर नर कायर सूर सदा २४६, २७४, २६३ सुर नर मुनि संकर सहत ७ सूर सहस पड़ि भोमि सूर अमीर लरिपुहमि परियै (ह) हजरत अबै न कसे करौं हजरत के ( फुरवांन) वांचि हजरति ये फुरवान हजरति राव हमीर हजरति ले फुरवांन हजरति हम तुम अंस येक हठ तो राव हमीर को हठ हमीर छाडै नहीं हसम प्राठ लख सुतर हसम रतन गढ देस हसि अलावदी माहि हंसे अलावदी साहि जब हमीर कहै रणधीर सौं हीमति गहो हजरति कहै थोड़ी सौं बहुत हौदे चढ़या हमीर २४३ ४६ ३३ २२६ १२२ ८५ ६३ For Personal and Private Use Only २०२ १६ १२१ २५६ २५२ २६८ २३४ १४७ ३१ m १०० ૪૨ ११३ ६४ ६५ २८६ २२६ १६८ २६३ श्र २६६ २७१ ३०४ १२३ ३१६ १९१ २५१ www.jainelibrary.org

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