Book Title: Haimlaghuprakriya
Author(s): Vinayvijay
Publisher: Jain Dharm Prasarak Sabha

Previous | Next

Page 9
________________ अथ हैमलघुप्रक्रियाख्यं व्याकरणम्। संज्ञाधिकारः॥ ॥ श्रीजिनाय नम प्रणम्य परमात्मानं बालानां बोधसिद्धये ॥ . करोमि प्रक्रियां सिद्धहेमचन्द्रानुसारिणीम् ॥२॥ ॐनमो हेमचन्द्राय हैमव्याकरणाय च ॥ शब्दपाथोधिसोमाय जगद्विख्यातकीर्तये ॥२॥ आदौ विनविघाताय शिष्टाचाराच्च शाखकृत् ।। परमेश कु रुते भावमङ्गलम् ॥ ३॥ AAS अर्हमित्यक्षरं ध्येयं परमेश्वरवाचकम् ॥ शास्त्रादौ पठतां क्षेमव्युत्पत्त्यभ्युदयप्रदम् ॥४॥ सिद्धिः स्याद्वादात् ॥२॥ शब्दानां ज्ञप्तिनिष्पत्ती स्वातां स्याद्वाददने । शब्दे ोकान्ततो नित्येऽनित्ये वा तवयं कुतः तत्रादौ व्यवहाराय संज्ञां विमति Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 ... 320