Book Title: Haimbruhatprakriya Mahavyakaranam Author(s): Girijashankar Mayashankar Shastri Publisher: Girijashankar Mayashankar Shastri View full book textPage 9
________________ कचिल्लक्ष्यानुरोधेन / अमहती महती भूता महद्भूता कन्या। एवं बृहत्कृता / कचिद्ग्रहणादगोमती गोमतीभूता गोमतीभूतेत्यादौ न स्यादेव। पट्वीभूता पदभूता मृद्वीकृतामृदूकृतेत्यादौ विकल्पः। महतीभूतेत्यपि केचित् / 438 पृष्ठे 14 पंक्तेःपश्चात्। 2235-2 अन्त्यस्वरादेः // 7 / 4 / 43 // तृप्रत्ययस्यान्त्यस्वरादेश्वावयवस्येमनि णीष्ठेयसुषु च परेषु लुक् स्यात् / . 551 पृष्ठे द्वितीयपंक्तौ ‘तमबर्थे इष्ठः' इत्येतदनन्तरम् / 2292-2 न अखङ्गादेः // 7 / 4 / 9 // अप्रत्ययान्तस्य खगादेश्व ब्णिति तद्धिते परे य्वः प्रागैकारौकारौ वा स्याताम् / . 464 पृष्ठे 2 पंक्तौ 'नित्यग्रहणान्महाविभाषा निवृत्ता' इत्यनन्तरम् / सूचना-उत्तरार्द्धपरिशिष्टानि सूत्राण्युत्तरार्द्धस्यान्ते संपूर्णग्रन्थान्ते दृष्टव्यानि //Page Navigation
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