Book Title: Gyansara
Author(s): Bhadraguptavijay
Publisher: Chintamani Parshwanath Jain Shwetambar Tirth

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Page 609
________________ ११ अंग १२ उपांग ४ मूल सूत्र । ६ छेद सूत्र । १० प्रकीर्णक 874 आवश्यक आचार' सूत्रकृत औपपातिक राज प्रश्नीय जीवाभिगम | २ चूलिका सूत्र नन्दी अनुयोगद्वार उत्तराध्ययन देवेन्द्र स्तव तंदुल वैचारिक गणि विद्या आतुर प्रत्याख्यान स्थान निशीथ दशाश्रुत बृहत्कल्प व्यवहार जीतकल्प महानिशीथ दशवैकालिक ओघ नियुक्ति समवाय प्रज्ञापना महाप्रत्याख्यान गच्छाचार व्याख्या प्रज्ञप्ति ज्ञाता धर्म कथा उपासक दशा अन्तकृत् दशा अनुत्तरोपपातिकदशा प्रश्न व्याकरण विपाक श्रुत सूर्य प्रज्ञप्ति चन्द्र प्रज्ञप्ति जंबूद्वीप प्रज्ञप्ति निरयावलिका कल्पावतंसिका पुष्पिता पुष्प चूलिका वृष्णि दशा भक्तपरिज्ञा मरण समाधि संस्तारक चतुःशरण १. आगम साहित्य की विशेष जानकारी के लिए देखिये "आर्हत् आगमोनुं अवलोकन" और "पैंतालीस आगम" (लेखक प्रो० हीरालाल र० कापड़िया) ज्ञानसार

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