Book Title: Gyanarnav
Author(s): Shubhachandra Acharya, Balchandra Shastri
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 819
________________ ७३० ज्ञानार्णवः आग्नेयी 1879,1886 F. आज्ञाविचय 1617.1621.1622 आज्ञासिद्ध 1624 आज्ञश्वर्य 1941 आत्मज्योति 1946 आत्मन् 1051 आत्मज्ञान 1513 आत्मविज्ञान 1609 F. आत्मसामर्थ्य 1061 F. आत्मा 916 F. आत्माभ्यास 1521 आदान (समिति) 899 F. आदाननिक्षेप (समिति) 888 आदिसंहनन 2143 आदेय 1165 आद्यसंहनन 2117,2120 आभियोगिकी 330 आरम्भ 177,481 आर्त 1199,1203,1218 आर्तध्यान 1180 F., 1199 आर्तरौद्र 1223 F. आतंलिङ्ग 1222 आर्य 1775 आहन्त्य 2033,2181, आवरण 143 आशय 273 आशा 864 F. आशापिशाची 864 F. आसन 1071 आसनजय 1331 F.. आस्तिक्य 398 आस्रव 170 F., 396,1650 इन्द्रियार्थरागहानि 1047 इष्टवियोगज 1208-10 . इष्टवियोगात 1210 इष्टार्थात्यय 1203,1208 ईडा 1416 ईर्यासमिति 888,890 F. ईशान 1922 उच्चाटन 341 उत्पत्ति 1625 उत्पाद 897 उत्सर्गसमिति 888 उत्साह 1071 उद्गम 897 उपनय 1629 उपेक्षा 1279 F. एकत्व 133 F., 2150,2169 70 एकत्वध्यान 2166 एकद्रव्य 419 एकाग्रचिन्तारोध 1194 एषणासमिति 888,897 F. ऐरावण 1844 ओं 1951 ओं अरहंत 1972 ओं अर्हन्मुख 2018 ओं जोग्गे 2005 ओं णमो 2010 ओं नमोऽहते 1977 ओं श्रीं 1974 ओं ह 5 2001 ओं ह्रां 1969 औदासीन्य 1284 औपशमिक 391 कपाट 2187 करण 2089 करणग्राम 1036 करुणा 1273 F., 1276 कर्मघात 1685 कर्मजक्रम 1482 कर्मनिर्जरा 956 कर्मप्रकृति 2195 कर्मप्रकृतयः 1667 F. . कल्प 119, 1779, 2132 कल्पपादप 1865 कल्पवासिन् 2131, 2133 कल्पातीत 2131 कल्याणमहिमा 1992 कल्याणविभव 2179 कषाय 173,435, 481, 930, 2146 कषायनिवारण 1007 F. काकतालीयक 247 कान्दी 330 कापालिक 1290 कामतत्त्व 106047 काय 415 कायगुप्ति 889 कायदण्डन 1098 काययोग 2191 कायोत्सर्ग 176, 1311, 1313 काल 414,424-25, 1664 F. किंनरपुर 50 कुन्तल 1060*7 कुम्भक 1344, 1348, 1353, - 1930, 1949 कुशास्त्र 29 कृष्णनीलाद्यसल्लेश्या 1219 कृष्णलेश्या 1257, 1703,1755 कृष्णलेश्याबल 1258 केरली 1060*7 केवल 456 केवलज्ञान 451, 2173 केवलदर्शन 2173 कैल्बिषी 330 कोप 1117 कौल 1290 कौलिक 547 क्रिया 313 क्रियाविद् 306 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org -

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