Book Title: Gyan Pradipika
Author(s): Ramvyas Pandey
Publisher: Nirmalkumar Jain

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Page 155
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कालो जीभ, लंबे होंठ मंजरी आँख, और तीखे स्वर वाली स्त्री दस महीने में ही पति का नाश करती हैं। उसको छोड़ देना चाहिये । यस्याः सरोमको पादौ तथैव च पयोधरौ। उत्तरोष्ठाधरोष्टौ च शीघ्र मारयते पतिम् ॥३०॥ जिस स्त्री के पैर, पयोधर, ऊपर या नीचे के होंठ रोयेदार हों वह शीघ्र ही पति को मारती है। चन्द्रबिम्बसमाकारौ स्तनौ यस्यास्तु निर्मलो। बाला सा विधवा ज्ञया सामुद्रवचनं यथा ॥३१॥ जिसके स्तन निर्मल चन्द्रविम्ब के समान हो वह स्त्री विधवा होती हैं, ऐसा इस शास्त्र का वचन है। पूर्णचंद्रविभा नारी अतिरूपातिमानिनी। दीर्घकर्णा भवेद्याहि सा नारी सुखमेधते ॥३२॥ पूर्ण चन्द्रमा के समान प्रभा बालो अति रूपशीला, अति मानिनी तथा लंबे कानों वालो स्त्री सुखी होती है। यस्याः पादतले रेखा प्रोकारइछत्रतोरणम् । अपि दासकुले जाता राजपत्नी भविष्यति ॥३३॥ जिस स्त्री के पैर के तलवे में प्राकार, छत्र या तोरण की रेखा हो वह यदि दासकुल में उत्पन्न हो तो भी पटरोनी होगी। रक्तोत्पलसुवर्णाभा या नारी रक्तपिंगला । नराणां गतिबाह्वल्पा अलंकारप्रिया भवेत् ॥३४॥ लाल, कमल, और सोने की कान्ति पाली, रक्त और पिंगल वर्ण की औरत तथा पुरुष के समान चलने वाली छोटी भुजाओं वाली औरत गहनों को बहुत चाहती है। अतिदीर्घा भशं ह्रस्वां अतिस्थूलामतिकृशाम् । अतिगौरां चातिकृष्णां षडेताः परिवर्जयेत् ॥३५॥ अत्यन्त लंबी, अत्यन्त छोटी, अत्यन्त मोटी, अत्यन्त पतली, अत्यन्त गोरी तथा अत्यन्त काली ये ६ प्रकार की औरतें छोड़ देनी चाहिये। For Private and Personal Use Only

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