Book Title: Gomtesh Gatha
Author(s): Niraj Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 234
________________ गोमटपुर की दानशाला के द्वार युगान्त तक कभी रुद्ध न हों, और गोमटेश भगवान् की यह पावन प्रतिमा, सहस्रों वर्षों तक गोमट की भक्ति और कीर्ति का प्रसार करती हुई, भव्य जीवों का कल्याण करती रहे, ऐसी हमारी भावना है। यही हमारा आशीर्वाद है।' २०६ / गोमटेश-गाथा

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