Book Title: Gnatadharmkathang ka Sahityik evam Sanskrutik Adhyayan
Author(s): Rajkumari Kothari, Vijay Kumar
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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________________ 140 . ज्ञाताधर्मकथांग का साहित्यिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन ऐतिहासिक और पौराणिक व्यक्ति ___ज्ञाताधर्मकथा कथा प्रधान आगम है। इसमें राजा श्रेणिक, कूणिक, अभयकुमार, मेघकुमार आदि के विशेष उल्लेख शोधार्थी को ऐतिहासिक पक्ष का बोध कराते हैं। इतिहास का विषय जितना प्रामाणिक होता है उतना ही महत्त्वपूर्ण माना जाता है। ज्ञाताधर्मकथांग प्राकृत कथा साहित्य का प्राचीन ग्रन्थ है इसलिए यह भी आवश्यक एवं प्रामाणिक संकेत देता है कि इसमें जितने भी पुरुषों, नारियों, कलाचार्यों, रानियों, उपासकों, चोरों, सार्थवाहों, गणिकाओं, महाबलों आदि के उल्लेख हैं वे सभी इतिहास की अमूल्य धरोहर हैं। ज्ञाताधर्मकथा में कई ऐतिहासिक नारियों के भी उल्लेख आये हैं जिनमें धारिणी, भद्रा, थावच्चा, उज्झिका, भोगवती, रक्षिका, रोहिणी, मल्ली, रत्नद्वीपदेवी, पोट्टिला, नागश्री, सुकुमारिका, द्रौपदी, काली, राजी, रजनी, विद्युतदेवी, मेघा, रूपा, कमला आदि नारियाँ प्रमुख हैं। इन सभी के विषय में प्रामाणिक जानकारी के लिए यह आगम ग्रन्थ महत्त्वपूर्ण है क्योंकि एक साथ एक ही ग्रन्थ में कई प्रकार के ऐतिहासिक पुरुषों एवं नारियों का उल्लेख मिल पाना कठिन है। यदि यह किसी एक कथा विशेष का ग्रन्थ होता तो कुछ निश्चित ऐतिहासिक पुरुष एवं नारियाँ ही इसमें समाहित हो पातीं। किन्तु यह पृथक्-पृथक् कथाओं का संग्रह ग्रन्थ है जिसमें पौराणिक, ऐतिहासिक आदि सभी सामग्रियाँ समाहित हैं। इसलिए यह कथा ग्रन्थ ऐतिहासिक दृष्टिकोण को प्रस्तुत करनेवाला महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ है। कुछ ऐतिहासिक पात्रों का विवरण इस प्रकार पार्श्वनाथ ___ज्ञाताधर्मकथांग में भगवान पार्श्वनाथ एवं उनके श्रमण- श्रमणियों का उल्लेख प्राप्त होता है। अधिकांशत: विद्वान इनको ऐतिहासिक पुरुष मानते हैं। भगवान महावीर जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर श्रमण भगवान महावीर का जन्म ईसा से लगभग 589 वर्ष पूर्व वैशाली के समीप कुण्डग्राम के क्षत्रिय वंश में हुआ था। ये काश्यप गोत्रीय राजकुमार थे। इनके पिता सिद्धार्थ एवं माता त्रिशला देवी थी।२ 1. ज्ञाताधर्मकथांग 2/1/14. 2. विमलचन्द्र पाण्डेय, प्राचीन भारत का राजनैतिक तथा सांस्कृतिक इतिहास, पृ. 187. Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org