Book Title: Girnar Geetganga
Author(s): Hemvallabhvijay
Publisher: Girnar Mahatirthvikas Samiti

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Page 8
________________ २२६ २२६ ૨૭ २२८ २२८ २३१ २३३ सामान्य भक्तिगीत विभाग १. भगवाननी कृपानो.... २०३ | ३७. दादा तारा पगलां... २२४ आशरा इस जहा का... २०३ | ३८. मारा मनमां अक ज तुं... २२५ तुज करुणाधारमां... २०४ | ३९. तुजने जोया करुं... २२५ ४. तारे द्वारे आवीने.... २०५ | ४०. तारी प्रीतिनी केवी असर? ५. करुणाना सिंधु प्रभुजी.... २०५ | ४१. समजुने शुं कहेवाय... ६. सूरज की गरमी से... २०६ / ४२. आ भवना सागरमां... ७. एक घडी प्रभु... २०७ | ४३. फहुँ छ पहाड ने जंगल... ८. आंखडी मारी प्रभु... २०७ ४४. सदा हुं तुं सदा तुं हुं... ९. अमी भरेली नजरुं... २०८ | ४५. मोहे लागी लगन... २२९ १०. गमे ते स्वरुप... २०८ | ४६. समयने साचवी लेशो... २३० ११. झगमगता तारला... .२०९ ४७. मंदिर पधारो स्वामी... २३० १२. तमे मन मूकीने... २०९ ४८. मुझे मेरी मस्ती... . १३. नाम है तैरा तारणहारा....... २१० | ४९. तमारे इसारे तमारी कृपाथी... २३२ १४. बंधन बंधन झंखे मारुं मन... २१० | ५०. फूल नहि तो पांखडी... २३२ १५. मुक्ति मले के न मळे..., २११ | ५१. जैसा मिलता रहे... १६. ओ वीर तास चरणकमलमां... २१२ / ५२. आंसु भरेली आंखे... २३४ १७. मारो धन्य बन्यो... २१२ | ५३. प्रेम भरेलुं हैयु.... २३४ १८. मारा व्हाला प्रभु... २१३ | ५४. स्वामी तारा स्नेहथी... १९. यह है पावन भूमि... २१४ | ५५. मने ज्यां जवानुं मन... २०. हुं करुं धुं प्रार्थना... २१४ / ५६. तुं मने भगवान... २३६ २१. चार दिवसनां चांदरडां पछी... २१५ | ५७. संसार के सागर में... २३७ २२. माएं आयखं खूटे... २१५ | ५८. जिंदगी बेकार चाली... २३. भक्ति करता छूटे मारा... २१६ | ५९. मेरे दोनों हाथों में... २४. प्रभु ओ विनंती... ६०. ओवी लागी लगन... २३९ २५. आटलुं तो आपजे.... २१७ ६१. अक पंखी... २३९ २६. मैत्रीभाव- पवित्र झर[... २१८ | ६२. तारी जो हांक सुणी कोई ना आवे...२४० २७. समताथी दर्द सहु.... २१८ | ६३. पंखीडा ने आ पीजरूं... २४० २८. व्हाला मारा हैयामां... २१९ ६४. अक ज अरमान छे मने... २४१ २९. अब सोंप दिया... ६५. प्रभु ! तें मने जे... २४२ ३०. बधी मिलकत तने धएं तोपण... ... २२० ६६. प्रभु ! मारा कंठमां देजो... २४२ ३१. दादा ताएं मंदिर... ६७. रंगाई जाने रंगमां... २४३ ३२. चलो बुलावा आया है... | ६८. शब्दमां समाय नहीं... २४४ ३३. दर्शन देजो नाथ... २२२ | ६९. मारो धन्य बन्यो आज... २४५ ३४. जब कोई नहि आता... २२२ | ७०. ओ तारणहारे... २४५ ३५. अमने अमारा प्रभुजी... २२३ | ७१. प्रभु अमे डूबी रह्या.... २४६ ३६. आ भव मलिया... २२४ | ७२. पाप करतां माप राख्यु...। २३५ २३६ २३७ २३८ २१७ २२० २२१ २२२ २४६

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