Book Title: Girnar Geetganga
Author(s): Hemvallabhvijay
Publisher: Girnar Mahatirthvikas Samiti

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Page 5
________________ - - ८. हे नेमिनाथ जिनराज सुणो... (१८) ९. वंदन करें धरी भाव दिलमां... (४) १०. गरवा गिरि गिरनारने... (८) ११. भवोभव मळो नेमिजिन... (१०) १२. गिरनार-नेमिस्तुति (५) १३. गिरनार-नेमिनाथ स्तुति सामान्य जिन स्तुति १. प्रभुमिलननी स्तुतिओ (१३) २. अरिहंत ! तुज सौंदर्य लीला... (९) ३. अवा प्रभु अरिहंतने पंचाग... (४९) ४. रत्नाकर पच्चीशी (२५) ५. संवेदना पच्चीशी (२५) ६. हे नाथ ! निर्मळता तणुं वरदान... (९) ७. चारित्रमा मुज मन वसो... (९) ८. आ पापमयं संसार छोडी... (१९) ९. आजथी मारा तमे... (८) १०. मळजो मने जन्मोजनम (1) ११. याचना (6) १२. प्रभुविरह स्तुतिओ (७) गिरनार-नेमि थोयना जोडा १. राजुल वर नारी (४) २. सुर असुर वंदित (४) ३. श्री गिरनार शिखर (४) ४. नेमिनाथे, वंदे बाढम् (४) ५. श्री गिरनारे जे गुण (४) ६. नेमिनाथ निरंजन निरख्या (४) ७. गिरनारे नेमनाथ गाजे (४) ८. जादवकुलश्री नंद समो ओ (४) ९. गिरनारे गीरुओ (१) १०. हरिवंश वखाणुं (४) ११. गया शस्त्रागारे (४) १२. नमो नेम नगीनो नभमणि (४) १३. श्री नेमिजिन प्रणमी (१)

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