Book Title: Epigraphia Indica Vol 06
Author(s): E Hultzsch
Publisher: Archaeological Survey of India

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Page 410
________________ No. 35.] TEKI PLATES OF RAJARAJA-CHODAGANGA. 343 87 बिक्रमाद्यग्गुणैर्बिजै [*] ये चालुक्यक्षितीशानां प्रस्तावप्रतिपालिनः [॥ ३८*] अयोध्य]धिोखरणा88 दो दक्षिणाशाजयैषिणा [*] ये सहैव समायाता) विजयादित्यभू89 भुज[1] [॥ ४.*] रा[ज]वंशावतंसाना' राजधान्या महीभुजं[1] [*] पुरो विजयवाटेया' 90 ये वास्तव्यकुटुंबिन: । [४१*] ये च वेलुमनूलु पत्तिपालु नरियू. लु कुमुडालु म. 91 ecenesलु पोवण्ड्लु स्रावकुलु उण्ड लु अनुमगोण्डलु अड्डनू लु इत्यादि कु]92 [ल]सहसभेदप्रसिद्धाः तेलि[कि कुललब्धजन्मान:*] खधर्मकर्मनिष्ठितमनस [स्ते]षाम93 मीषां विजयवाटप्रमुखनिखिलपुरनगरग्रामपट्टनप्रभृ Fourth Plate; Second Side. 94 तिषु स्थानेषु सर्वेषु विवाहोत्सवेषु प्रवर्तमानेषु मिधुनस्य' वी[थो]षु तुरगा. 95 रोहणेन पर्यटनमध' विवाहोत्सवावसाने राजश्रीपादमूले महाग्र्घ 96 वासीयुगलु मिथाय प्रणतानामेषां कनकपात्रेण तांबूलप्रदानं च पू. 97 वमर्यादा[स]मागतमधुना परमभकिपरितोषितैरम[*]भिराचंद्राक 98 शासनीकत्य दत्तमिति विदितमस्तु वः [*] धोयमसाइंशजे: पा99 र्थिवैः प्रयत्नेन पालनीयं॥ [*] शत्रुणापि कती धर्मः पालनीयो 100 मनीषिणां [*] शत्रुरेव हि शत्रु:*] "स्याहर्मशत्रुर्ब कस्यचित् ४२*] धर्मात् पैज101 वनो राज[1] चिराय बुभुजे भुवं" [*] “अधम्माच्चैव नहुषः प्रतिपदे रसातल [] [४३*] 102 य[:*] स्वयं कुरुति] धर्म यश्च पाति कृतं [प]रेः [*] तया: पालयिता श्रेष्ठ इति | Read गुणचिन: . Read °सानां. Read "वाटाया. The fc is entered below the line. The of is entered below the line. 6 Read मिथुनस्थ. Read °मध. Read 'युगलं निधाय. • Resd भक्ति * The anusoara stands at the beginning of the next live. 1 Read 'नौय: " Read खाई. 1 The anusvdra is corrected from visarga. - Read पवा . - Read 'तलं. Is Read तयी:

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