Book Title: Early History of Orissa
Author(s): Amarchand Mittal
Publisher: Jain Cultural Research Society
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APPENDIX A
HATHĪGUMPHĀ CAVE INSCRIPTION
OF KHĀRAVELA
Text L. 1. [Crown] [Svastika]' नमो अरहंतानं [0] नमो सव
सिधानं [1] ऐरेण महाराजेन महामेघवाहनेन चेति-रान व[]सवधनेन पसथ-सुभ-लखनेन' चतुरंत-लुठण]-गुण-उपितेन*
कलिंगाधिपतिना सिरि-खारवेलेन 1. 2. [पंदरस-वसानि सीरि [कडार]-सरीर-वता कीडिता कुमार
कोडिका [I] ततो लेख-रूप-गणना-ववहार-विधि-विसारदेन सवविजावदातेन नव-वसानि योवरन [प]सासितं [u] संपुण
चतुवीसति-वसो तदानि वधमान-सेसयो-वेनाभिविनयो ततिये L. 3. कलिंग-रान-बसे पुरिस-युगे महाराजाभिसेचन पापुनाति [1]
अभिसितमतो च पधमे वसे वात-विहत-गोपुर-पाकार-निवेसनं पटिसंखारयति कलिंग नगरिखिबीर] [0] सितल-तड़ाग
पाडियो च बंधापयति सध्यान-प[टि]संथपनं च . __In the margin of lines 2, 4 & 5. 2. Some read चेत । चेति - चेदि and चेत - चैद्य ।
3.
Barua: लखणेन ।
4. Barua : ०गुण-उपेतेन; Jayaswal : ०लुठितगुणोपहितेन । 5. Barua : वधमान-सेसयोवनाभिविजयो। 6. Jayswal : माहा० । 7. Jayaswal & Banerji separate खिबीर from कलिंगनगरि
and read खिबीर-इसिताल-तड़ाग ।
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