Book Title: Dravya Saptatika Granth
Author(s): Lavanyavijay Gani, Nirupamsagar
Publisher: Jain Shwetambar Sangh Pedhi

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Page 424
________________ १७४ २९-३० तगरा तामलि ताम्रलिप्ति थारापद्र (थराद) दिगम्बर देवसेन द्रव्य-सप्ततिका " , वृत्ति धनवती धनावह धरणेन्द्र धवळक (धोलका) धारणा-व्यवहार धारा निष्पुण्यक २९-३० २३-२१ २३-२४ २३-२४ १२-५९ २२-२४ ::::१.६............. नील ६२ माफर माषतुष २३, २४ मृग १२ यदुवंश - २९-३० रत्न द्वीप १२ रत्नपुर ७१ राज-गृही ७१ रुद्र-दत्त ६७. लघुभोज २३-२६-६७ लुम्पाक ६७ वसुदत्त १२ वसुमती १९ वसन्तपुर १२ वारुणी २३-२४ विक्रमराजा विनयंधर १२ विमलाचल शक्रावतार शत्रुञ्जय शान्तन २९-३० शैलकयक्ष श्री ऋषभदेव ६७ श्री कालिकाचार्य श्री कृष्ण ४३ श्री कुवलयप्रभसूरि श्री जिनभद्रगणि. २९-३० श्री जीवदेवसूरि श्री तपागच्छ (तपगण) श्री धर्मघोषसूरि श्रीपाल श्रीपुर २३-२४ श्री भद्रबाहुस्वामी १२ श्री भानुविजय बुध श्री मल्लवादी ___५. श्री महावीर ६७ ६७ २३-२४ १९-२० पत्तन (पाटण) प्रतापसिंह पुण्यसार बौद्ध भरतक्षेत्र भावल देवी भोगपुर मण्डपदुर्ग (मांडवगढ) मदन-सुन्दरी मदिरा मध्य-प्रैवेयक मल्ल श्रेष्ठि मल्लिक महाकाल महानील महिला-देयी महाविदेह महीपाल महेन्द्रपुर मानसूरि . 22 १९-२० १९-२.

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