Book Title: Doha Ppahudam
Author(s): H C Bhayani, Ramnik Shah, Pritam Singhvi
Publisher: Parshva International Shaikshanik aur Shodhnishth Pratishthan

View full book text
Previous | Next

Page 74
________________ दोहा-पाहुड १२९ १८९ १६४ १९५ ७६ १६ ४३ १५४ १४१ ३० १४० किं किज्जइ बहु अक्खरहिं १२४ कि बहुएं अडवडवडेण । कुहिएण पूरिएण य छिद्देण केवलु मलपरिवज्जियउ खंतु पियंतु वि जीव जइ गमणागमणविवज्जियउ १३७ गहिलउ गहिलउ जणु भणइ १४३ गुरु दिणयरु गुरु हिमकिरणु घरवासउ मा जाणि जिय चिंतइ जंपइ कुणइ ण वि छत्तु वि पाइ सुगुरुवडा १३० छहदंसणगंथि बहुल १२५ छहदंसण-धंधइ पडिय ११६ छंडेविणु गुणरयणणिहि १५१ जइ इक्क हि पावीसि पय १७७ जइ मणि कोहु करिवि जइ वारउं तो तहिं जे पर जरइ ण मरइ ण संभवइ जसु जीवंतहो मणु मुवउ जसु मणे णाणु ण विप्फुरइ कम्महुँ २४ । जसु मणे णाणु ण विप्फुरइ सव्व ६५ जसु मणे णिवसइ परम-पउ. ६६ जं दुक्खु वि तं सुक्खु किउ जं लिहिउ ण पुच्छिउ कह व जाइ १६६ जं सुहु विसयपरंमुहउं जिणवरु झायहि जीव तुहुं १९७ जिम लोणु विलिज्जइ पाणियहं १७६ जीव म जाणहि अप्पणा जीव वहंतें णरयगइ १०५ जेण णिरंजणे मणु धरिउ जे पढिया जे पंडिया १५६ जेहा पाणहं झुपडा तेहा १०८ जोइय जोएं लइयइण ११८ · जोइय भिण्णउ झाय तुहुं जोइय विसमी जोयगइ जोइय हियडए जासु ण वि जोइय हियडए जासु परु जोणिहि लक्खहिं परिभमइ जो पइं जोइउं जोइया जो मुणि छंडिवि वियससुहु ढिल्लउ होहि म इंदियहुं णग्गत्तणि जे गव्विया णमिओ सि ताम जिणवर ण वि गोरउ ण वि सामलउ ण वि तुहं कारणु कज्जु ण वि ण वि तुहं पंडिउ मुक्ख ण वि ण वि भुंजंता विसयसुहु णाणतिडिक्की सिक्खि वढ णिच्चु णिरामउ णाणमउ णिज्जियसासो णिफंदलोयणो णिल्लक्खणु इत्थीबाहिरउ तउ करि दहविहु धम्मु करि तरुणउ बूढउ बालु हउं तव तणुअं मि सरीरयहं तव दावणु वय भियमडा ताम कुतित्थई परिभमहिं ता संकप्पवियप्या तासु लीह दिढ दिज्जइ तित्थहो तित्थु भमंतयह किं तित्थहो तित्थु भमंतयहं संता० तित्थहो तित्थु भमेहि वढ तिहुयणे दीसइ देउ जिणु तुदृइ बुद्धि तड त्ति जहिं तुट्टे मणवावारे भग्गे तह तूसे म रूसे म कोहु करे तोडेवि सयल वियप्पडा २०३ . .९९ २०८ .३२ १०२ ११३ ०० ८३ १६२ १७८ १६३ ११९ ३९ ६२ १८३ २०४ ९३ १३३ ९१

Loading...

Page Navigation
1 ... 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90