Book Title: Doha Ppahudam
Author(s): H C Bhayani, Ramnik Shah, Pritam Singhvi
Publisher: Parshva International Shaikshanik aur Shodhnishth Pratishthan
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दोहा-पाहुड
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दयाविहीणउ धम्मडा दहविहु जिणवरभासियउ देखताहं वि मूढ वढ देव तुहारी चिंत महु देवउले पाहणु तित्थे जलु देह गलंतहं सवु गलइ गेहमहेली एह वढ देहहि उब्भउ जरमरणु देहहो पिक्खिवि जरमरणु देहादेउले जो वसइ देहादेउले सिउ वसइ धंधए पडियउ सयलु जगु पत्तिय तोडहि तडतडहं पत्तिय तोडि म जोइया पत्तिय पाणिउ दब्भु तिल पंच बलद्द ण रक्खिया पंचहिं बाहिरु णेहडउ पंडिय पंडिय पंडिया पावु वि अप्पहिं परिणवइ पुण्णु वि पाउ वि कालु णहु पुण्णेण होइ विहओ पोत्था पढणे मोक्खु कहं बद्धउ तिहुवणु परिभमइ बहुयइं पढियई मूढ पर बोहिविवज्जिउ जीव तुहं भल्लाण वि णासंति गुण भवे भवे दंसणु मलरहिउ भिण्णउ जेहिं ण जाणियउ मणु जाणइ उवएसडउ मणु मिलियउ परमेसरहो महुयर सुरतरुमंजरिहिं मंतु ण तंतु ण धेउ ण धारणु मा मुट्टा पसु गरुवडा
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मिल्लहो मिल्लहो मोक्कलउ मुंडिय मुंडिय मुंडिया मुंडु मुंडाइवि सिक्ख धरि मूढा जोवइ देवलई मूढा देहु म रज्जियइ मूढा सयलु वि कारिमउ णिक्का० मूढा सयलु वि कारिमउ मा मूलु छंडि जो डाले चडि मोक्खु ण पावहि जीव तुहुँ मोहु विलिज्जइ मणु मरइ रायवयल्लहिं छहरसहिं लोहें मोहिउ ताम तुहुं वक्खाणडा करंतु वुहु वट्ट जु छोडिवि मउलियउ वट्टडिया अणुलग्गयहं वणे देउले तित्थई भमहि वण्णविहूणउ णाणभउ वरु विसु विसहरु वरु जलणु वंदहो वंदहो जिणु भणइ वामिय किय अरु दाहिणिय विद्धा वम्मा मुट्ठिइण विसयकसाय चएवि वढ विसयकसायहिं रंजियउ विसयसुहा दुइ दिवहडा विसया चिंते म जीव तुहं विसया सेवइ जो वि परु विसया सेवहि जीव तुहं छंडिवि विसया सेवहि जीव तुहं दुक्खहं वुज्झहो वुज्झहो जिणु भणइ वे छंडेविणु पंथडा वे भंजेविणु एक्कु किउ सइं मिलिया सई विहडिया सप्पें मुक्की कंचुलिय
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