Book Title: Doha Ppahudam
Author(s): H C Bhayani, Ramnik Shah, Pritam Singhvi
Publisher: Parshva International Shaikshanik aur Shodhnishth Pratishthan

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Page 73
________________ दोहा-पाहुड दोहा-वर्णानुक्रमणिका . (Index of the First Pada) १७३ - ५१ १५५ '.५८ १३४ १७१ १७५ ___९२ १४४ २११ १२१ ७४ ९८ ७९ १६८ १९९ २०२ अक्खरचडिया मसिमिलिया अक्खरडेहि जि गव्विया अखए णिरामए परमपए अज्ज वि अखए णिरामए परमपए मणु अग्गए पच्छए दहदिहर्हि अज्जु जिणिज्जइ करहुलउ अणुपेहा बारह वि जिय अण्णु जि जीउ म चिंति तुहुँ अण्णु णिरंजणु देउ परु अण्णु तुहारउ णाणमउ .अण्णु म जाणहि अप्पणउ अत्थि ण उब्भउ जरमरणु अथिरेण थिरा मइलेण णिम्मला अन्तो णत्थि सुईणं अप्पा अप्पे परिट्ठियउ अप्पाए वि विभावियई अप्पा केवलणाणमउ अप्पा दंसणणाणमउ अप्पा दंसणु केवलु वि अप्पा परहो ण मेलियउ मणु अप्पा परहं ण मेलियउ आवागमणु अप्पा बुज्झिउ णिच्चु जइ अप्पा मिल्लिवि एक्कु पर अप्पा मिल्लेवि गुणणिलउ अप्पा मिल्लिवि जगतिलउ जो अप्पा मिल्लिवि जगतिलउ मूढ अप्पा मिल्लेवि णाणमउ अप्पायत्तउ जं जे सुहु अप्पु करिज्जइ काइं तसु अभितर चित्ति वि मइलियई अम्मिए जो परु सो जे परु अम्मिय इहु मणु-हत्थिया अम्हहिं जाणिउ एकु जिणु अरे जिय जिणवरे मणु ठवहि अरे मणकरह म रइ करहि अवधउ अक्खरु जं उप्पज्जइ असरीरहो संधाणु किउ अंतो णत्थि सुईणं अंबरि विविहु सद्दु जो सुम्मइ आभुंजंता विसयसुह आएहिं अडवड-वडवडहिं . आराहिज्जइ xxx देवु इंदियपसरु णिवारियड इंदियविसय चएवि वढ उपलाणहि जोइय करहुलउ उप्पज्जइ जेण विबोहु ण वि उम्मणे थक्कु जासु मणु अम्मूलेवि ते मूल गुण उववास विसेस करिवि बहु उव्वलि चोप्पडि चिठ्ठ करि उव्वस वसिया जो करइ एक्क ण जाणहि वट्टडिय एक्कु सुवेयइ अण्णु ण वेयइ एमइ अप्पा झाइयइ कड्डइ सरिजलु जलहि-विपिल्लिउ कम्महं केरउ भावडउ कम्मु पुराइउ जो खवइ...परम कम्मु पुराइउ जो खवइ...अणुदिणु करहा चरि जिणगुणथलिहिं कासु समाहि करउं ८२ १०४ 29 २०७ १८ २२ ११७ ७० १९२ ११४ १६५ १७२ १६७ ३६. ७७ १९३ ११२ ७१ ६१ १३९

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