Book Title: Doha Ppahudam
Author(s): H C Bhayani, Ramnik Shah, Pritam Singhvi
Publisher: Parshva International Shaikshanik aur Shodhnishth Pratishthan
View full book text ________________
महा.
"3
.
दोहा-पाहुड
५८ बहु विशिष्ट उपवासादिक करवाथी संवर थाय छे. बहु विस्तारथी पूछवाथी शं? कोईने पूछ नहीं.
२०७ तप कर, जिनभाषित सुप्रसिद्ध दशविध धर्मनुं पालन कर. ए ज कर्मनी निर्जरा छे. हे जीव ! आ में तने साचुं का.
२०८ हे जीव! जिनवरप्रणीत अहिंसाप्रधान दशविध धर्मर्नु एकचित्ते चिंतन कर अने एम तुं संसारने तोड.
२०९ मने भवे भवे निर्मळ दर्शन हो , भवे भवे समाधिभाव हो. भवे भवे मननी व्याधिने हणनार ऋषि मारा गुरु हो. __ हे जीव ! एकाग्र मनथी बार भावनाओनुं चिंतन कर. रामसिंह मुनि कहे छे के एनाथी तुं शिवपुरीने पामीश..
२१०
२११
Loading... Page Navigation 1 ... 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90