Book Title: Digambar Jain Siddhant Darpan
Author(s): Makkhanlal Shastri
Publisher: Digambar Jain Samaj

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Page 13
________________ सम्पादकीय - वक्तव्य श्रीमान प्रोफैसर हीरालाल जी एम० ए०, एल एल० बी० नागपुर ने 'अखिल भारतवर्षीय प्राच्य सम्मेलन बनारस में' अपना लिखा हुआ वक्तव्य "क्या दिगम्बर और श्वेताम्बर सम्प्रदाय के शामनों में कोई मौलिक भेद है ?" शीर्षक सुनाया था उस वक्तव्य को बम्बई दिगम्बर जैन पचायतने दिगम्बर जैनधर्म के लिये बहुत हानिकारक अनुभव किया क्योंकि उसमें दिगम्बरीय जैन सिद्धान्तों पर कुठाराघात है । अतः उस वक्तव्य का आगम तथा युक्तियों से उपयुक्त निराकरण कराने के लिये विद्वानों को प्रेरित किया । प्रेरणा की आवश्यकता को अनुभव करते हुए अनेक पूज्य त्यागी महानुभाव (जिनमें पूज्य आचार्य महाराज, मुनिराज, क्षुल्लक, भट्टारक, ब्रह्मचारी जी आदि हैं) तथा विद्वानों ने उक्त वक्तव्य के निराकरण में अपने लेख भेजे हैं और अनेक पंचायतों ने अपनी सम्मतियां भेजी हैं । आई हुई सम्मतियों में सब से प्रथम श्रीमान पं० लालाराम जी शास्त्री मैनपुरी तथा पं० श्रीलाल जी शास्त्रो अलीगढ़ की सम्मति अनेक विद्वानों की सहमति के साथ प्राप्त हुई । ड्रेक्टों में प्रथम ट्रेक्ट श्रीमान पं० अजितकुमार जी शास्त्री

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