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उदासीनाश्रम- इन्दौर से इस चातुर्मास में ८ ब्रह्मचारी कलकत्ता, सांगोद, सारोला, खातेगांव आदि स्थानों पर उपदेशार्थ भेजे गये हैं। धर्मशिक्षाका प्रबंध-महाराष्ट्रकी जैन • बोर्डिग में फरज्यात हुआ है ।
हमीरगढ में अभी मेवाड़ खेराड़ प्रा० दि० जैन खं० सभाका अधिवेशन हुआ था जिसमें उपयोगी ३० प्रस्ताव पास हुए थे । मुख्य २ ये हैं- शास्त्रानुसार आहार विहारका प्रचार करना, प्रान्तकी स्कूलोंमें एक घंटा धर्मशिक्षा देनेका प्रबंध करना, विवाह जैन विधिसे हो, कन्याविक्रय साबित होजाय तो उनके यहां संमिलित न होना, पं० धन्नालालजी केकड़ीको ' खंडेलवाल कुलभूषणका' पद दिया गया, आ. तिशबाजी, वेश्यानृत्य बंद, विवाह नुकता के खर्च कम करने के नियम बनावें, उदैपुर में पुष्प चढ़ानेका झघड़ा चल रहा है उसको निबटानेके लिये दोनों दलोंने लिखित प्रतिज्ञापत्र दिया व फैसला पंचको सौंपा गया, तीर्थक्षेत्र कमेटीको यथाशक्ति सहायता देते रहना आदि ।
कलकत्ता में भी श्रावण सुदी को सर सेठ हुकम चंदजी के सभापतित्व में शोकसभा हुई थी जिसमें शोक व सहानुभूतिका प्रस्ताव रखते हुए सर सेठ हुकमचंद जीने लाला जम्बूपसादजीके अपूर्व गुणों का हृदयस्पर्शी वर्णन किया था ।
इसी प्रकार स्याद्वाद महाविद्यालय काशी, उदयपुर विद्यालय, सागर विद्यालय, बर्द्धमान मंडल इन्दौर, मोरेना विद्यालय, खंडवा, बड़नगर, दमोह, विलसी, बेट आदि अनेक स्थानों पर लालानी के स्वर्गव ससे शोक सभाएं हुई थीं।
सिद्धवरकूट- क्षेत्र पर अभी बेरिस्टर जुगमंदिरलालजी जडन इन्दौर हाईकोर्ट यात्रार्थ पधरे थे। आपने प्रबधसे प्रसन्न होकर १०१) पूजन के स्थायी फंडमें दिये जिसकी आमदनी से कार्तिक में मेले के समय पूजन हुआ करेगी ।
सांगली-में प्रसिद्ध व्यापारी सावंतप्पा भाउ आरवाड़ेके १६ वर्षके युवान पुत्रका देहांत होगया । आपके पीछे २००००) दान किया गया है ।
पानीपत में पूज्य ब्र सीतलप्रसादजी ने चातुर्मास किया है जिससे वहां अच्छी धर्मवर्षा हो रही है । प्रवचनसार, श्रावकाचार, व राजवार्तिकजीका कथन चल रहा है। यहां पं० कबूलसिंहजी, पं० रामजीदासजी, पं अरहदासजी, बाबू जै भगवान बी० ए०, रा० बा० सेठ लखमीचंदजी धर्म चर्चाके बड़े प्रेमी हैं।
खंडेलवाल जैन हितेच्छु-मैनेजर का प्रबंध न होनेसे बंद हुआ है ।
देहली में डॉ० बख्तावर सिंहजी जैन एम० ए० (अमेरिका) एल० आर०सी० पी० एन्ड एस० आदि पदवियोंके धारी विलायतसे पधारे हैं । आपने ५ वर्ष अमेरिका व २ वर्ष इंग्लैंड में शिक्षा प्राप्त की है व वहां असि सर्जन का भी कार्य किया है। आपने सदर बाजार डिप्टीगंजके पास अपना औषधालय खोला है ।
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उदेपुर विद्यालय-त्रो उनके अधिष्ठाता ब्र० चांदमलजीको अभी मन्दसौर, दाहोद, फतियाबाद, उज्जैन, बम्बई आदिसे करीब १००) की सहायता मिली है । अभी आप नसीराब द उदासीनाश्रममें ठहरे हुए हैं ।