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१.
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आज्ञा से विरुद्ध किया, कराया करते को भला जाना | इन चार प्रकारके अतिचार में जो कोई अतिचार पक्ष दिवस सूक्ष्म या बादर. जानते अजानते लगा हो वह सब मन बचन काया-मिच्छामि दुक्कडं ॥
एवंकारे श्रावक धर्म सम्यक्त्वमूल बारह व्रत संबंधी एकसौ चौवीस अतिचारों में से जो के ई अतिचार पत दिवस में सूक्ष्म या बादर जानते अजानते लगा तो वह सब मन बचन काया कर मिच्छामि दुक्कडं ॥ इति ॥ शुद्धि पत्र॥
शुद्धि पत्र प्र० पंक्ति अशुद्ध
प्र. पंक्ति अशुद्ध शुद्ध
शुद्ध १ १७ ध्मान ध्याम ३७ ५ जीव का जीवों की
३६ २३ मे ५१७ प्राज
૪૧ ૪
तैयार
देश विरित देश विरति १७ .६ में..
४४ १७ हलिता हीलता सौम्य ૪૬ ૧૪ जुनो
देखो १३ पापाद्ध पापार्द्ध
दो १६ उन्होंने
परिणाम परिमाण ७ २७ प्रौ
संताप संतोष षडा पडा
श्राना जाता आना जाना २१ १६ दाक्षिएता दाक्षिण्यता
१२ और है है और धन ६. १५ १२
१२ वां उसने
पका . का २२ २३ सौम्य सौम्य
व्रतोदिक व्रतादिक जाती जाती जाती
नाणांमि नाणंमि और
भाणियो भणिओ अदश्य अदृश्य
चारित्रो चारित्री २५
निस्पृहता २६ निस्पहता
३२
काय गुप्ति ......
पारिष्ठा २६ . दष्टांत
३२ परिष्टा दृष्टांत २६ .
निर्दोष . निदोष
६४ २ शास्वतो
शास्वात २६
.. ४ दृष्टि ४
धूप में दष्ठि
थूप में १६
रहस्स २४
रहस्य आये
गहिया २६ . २२
गइया सदाचार
सदाचारी २६ ४ पापीपो पापियों
६८ ३
कठोर ३० ३ उतका उनका
स्वस्तु
वस्तु ३५. ६. जिसने जीतने
कोई
६६ २ जस्सुगह ३५ २५ छुटे छुटे भिन्न भिन्न
७. १ खाने
श्राने १६. ५ मिलेगा मिलेगा। |३६ १६ कन्था कान्या
सौभ्य।
भौर
२४
वो
२३४
जौर
umr X MM
.
१७
मिट्टी
मिठी कठो
.
जस्सगो
....