Book Title: Dharmopadeshmala Vivaran
Author(s): Jinvijay
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai

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Page 289
________________ पृष्ठे २०९ १७७ २२ १३८ १८३ ८१,८८, - परिशिष्टम् [२] धर्मोपदेशमाला-विवरण-निर्दिष्टानां विशिष्टनाम्नां वर्णक्रमेण सूची। विशिष्टनाम पृष्टे विशिष्टनाम पृष्ठे विशिष्टनाम अइभदा २२७ अभिचन्द्र ७आरिय देस अकंपिन अंबरिसी * आवस्सय-विवरण अक्खपाय अयल (सत्यवाह) १०१-१०५ आसग्गीव १२६ अक्षोभ्य आसाढ (आषाढ) सूरि " (बलदेव) अगंधण १७,१८ इंदकेउ 卐 अयलपुर अग्गिभूद इंददत्त ७४,७६ अयलग(भा)य २२७ -सुय अग्मियम अर णाह १९३ इंदनाग १५६-१५८ 卐 अंग देस ५५,११२, अरहंत ११३) इंदपुर ११६,१२२ अरहमित्त २२२ इंदभूह १४०,२२७ ज, मंदिर सेल भरिकेसरी १७७ इंद-महूसव १२६ अंग रिसि अरिकेसी १११ इलाइपुत्त २४-२६ अंगारमहा 1 भरिट्टनेमि १९,५४,८१,१९३, इलादेवी २४ ,, मर्दक १९६,२२०.5 इलावद्धण २३ अचल अरिदमण उग्गसेण ११,१२ 卐 भच्चुभ कप्प अर्हन् 卐 उज्जेणी(णिया) ७६,७७, अजिय जिणिंद १९२म अवंती १००,१०५,१०९,१४५,१४८, भजियसेण (१) १६१,१८९,१९१,२०१,२०९, अवंतिवद्धण २१५,२१६ २१५,२१६ अवंतिसेण २१३,२१७, २२३ २१५-२१७ अज्ज रक्खिय १०७ के उजिं(जे)त पब्वय अवब्भंस १३, अज्जा १४, १९,२२१ म अवर विदेह * उत्तरज्झयण(भ.२३) १४२ अज्जुण अश्वमेध 5 उत्तर महुरा 卐 अंजण पब्वय ४१,५९ असणीवेग १७६ - माहुर अट्टण मल्ल असियक्ख १७६७ उत्तरावह अणंगलेणा (गणिया) १८२ असिवोवसमी (भेरी) १९५,१९६ उदयण १०९,१६० अणंत जिण असोग(य)वणिया उदिच १४७ अणंतवीरिय १३५ महिणंदण उप्पत्तिया बुद्धि २०१-२०० १९२ अणुधरी * उवएसमाला आइचजस ७९,१००, अणुमइया १०९,१३८ अंधगवन्हि म आइच-मंडल *- वक्खाण भन्निया ४१,४२ 卐 आइयर-मंडल *- विवरण ८९,११६,१२६, * आगम ४१-४३ १७८,२०७ १२८,१३०,१३२,१३६,१४४, अब्भंगिम आगासगमण (लद्धी) १७० १४५,१५८,१६०,१६१,१९७ अभयकुमार ५५,७१,७४,७८, भामोसही १७७,२२९ उसभ(ह) जिणि ११,२९,१६२, ९२,९३,१४०,१४४,१४५,१५७, * आयप्पवाय (पुत्र) · १५४ १९२,२२६ १६१,२०१,२०३,२२० *आयारकप्प ६७ -नाह (सामी)५,८७,१४१ 9 एतादृक् चिह्नमत्र देश-नगर-ग्राम-गिरि-गुहाऽटवी-सरः-सरिदुद्यान-चैत्य-भवनादिस्थलज्ञापनाय । * ईदृचिह्वेनात्र ग्रन्थ-निर्देशो ज्ञापितः।। - ११७ १९३ २२२ २२३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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