Book Title: Dharmopadeshmala Vivaran
Author(s): Jinvijay
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai

Previous | Next

Page 293
________________ १. ० मुह-पोती २३८ धर्मोपदेशमाला-विवरणनिर्दिष्टानां विशिष्टनानो सूची। विशिष्टनाम पृष्ठे विशिष्टनाम पृष्ठे विशिष्टनाम पुप्फचूल ४२ भरह (.) २७,२९,१०९, महासाल १४० पुप्फचूला (पुष्पचूला) ११-४६ १२९,१५१,१७६ महिंदसीह ॐ पुष्फभह नयर ४२ भरह (२)नट २०१,२०३,२०७ महुमहण ९,४७ पुप्फवई ४२,४३,७४+ भरहद्ध (भरतार्ध)१०,४१,卐 महुरा (मथुरा) ४०,४१, पुफ्फसाल (गंधधिअ) १९९ ६२,७४,७९,२१० ५८,७४,१०८,१४६ + पुरिमताल १२ ॥ भ(भा)रह वास २१, महेसरदत्त फ़ पुरिसपुर १२१ २३,३०,३२,३४,४६,५४,८८, मा(म)गह तिस्थ ४३,१६५ पुरिसोत्तम १८६,२२० 卐 माणस(सरोवर) १७५,१७६ पुहई(वी) भरहाहिव(भरहनाह) १६७,१७४ २२७ मारी ४० भरुयच्छ १४६,१४७,१६० मालुगा पूरण | भागव २०४ पूसमूह माहुर (माथुर) ४०,५१,५८, * भारह-कहा पूसमित्स(पुष्यमित्र) १०८,२१० भिल ६०,२०० पेच्छणय 卐 मिगाकोट ४०,८३ भुज १३४ ३८,१३९ पैशाचिक आख्यान मिगावई १८३ भूयदिन्न २२८ पोसाक भोअगवंस 卐मिहिला १२१,१३४,२२७ पोहिला भोजदेव मुणिचंद २२४,२२ मुणिसुब्वय जिण मह फग्गुरक्खिभ १९३ , तिस्थयर-पडिमा मइसुंदर मंती फलही मल्ल १६० बत्तीसइबद्ध-नाडय-विहि मगह-गणिया(मगध-गणिका)२२४ मगह सिरी (गणिया) मूलदेव १००-१०६,२०५ ११०,१६९ मगहसुंदरी (गणिया) मूसियार बंधुमई २२४ १९४ मच्छिय मल्ल २१३ मेयज ( मेतार्य) ७६-८० बंभ (१) ११४ मझोत्तर २२७ " (२) मणग १५३,१५४ १७५,१९२ बंभदत्त १२४,१५६,१५८ मणिप्पभ(ह) २१६,२१७ मेहनाअ २२७ मंडिय (१) १०६) मोरिय देस २२७ बलदेव ७,१३,१८,१९,८१,१९५" (२) २२५ मोरियपुत्त २२७ बलिस्सभ(ह) २२७ मद्री मोरी म बारवई ६,१८,१९,५४,८१, के मयंग २१२ रक्खिय १९५,१९७,२१६,२२२ मयणपडागा (गणिया) ६९ रंग बालचंद मयह रिया ११७ रद्धवद्धण २१५,२१७ बावत्तरि कला मरहट्ठय भासा ४ रत्तपड मरुदेवी बाहुबली २९ रत्तंबर बिंदुसार 卐 मरुभूमि १३०,१३८,१३ ११ रहणेमि (रथनेमि) १६.२१ मरुय(ग) म बि(बे)मा(पणा)यड २०० रहस्समंजूसिया मल्लि जिण १९३ राइ(य)मई(राजीमती) २५,१०३-१०५,२०३ महागिरि ५,६, २२७ ब्रक्ष १७८,१७९ ११-२१ महानसिम १८९ रामपरसुराम म भंडीरवण-चेय महापउम १६४,१६५ * रामायण भगुप्त २,९० महापाण झाण २१० जरायगिह ७८,७९,८९,९७, भहसेण २२१ ॐ महाविदेह १००,११५,१२४,१२५,१२७, भहा ३०,८९,९०,१९९,२०० महावीर १००,११०,१४४, १२९,१३२,१४५,१५१-१६१, भदिल २२७ १५२,१७८,२२७ २२१,२२६,२२७ १२४ १३६ १८६ २०६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 291 292 293 294 295 296