Book Title: Dharmopadeshmala Vivaran
Author(s): Jinvijay
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai

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Page 295
________________ १९२ २४० धर्मोपदेशमाला विवरणनिर्दिष्टानां विशिष्टनाम्नां सूची। विशिष्टनाम पृष्ठ | विशिष्टनाम पृष्ठे विशिष्टनाम सालिभा (शालिभद्र) ८६ सुदंसण (१) 卐 सावत्थी ६३,१११,१४०) , (२) पुर २२० * सूयगड सिंघल-दुहिया १६० सुदंसणा (1) ७६ सेजापालभ सि(से)जंभव २१,१५१-१५४, , (२) १६० सेडुवभ २२७ सुधम्म १४५,१५१ सेणिअ (य) सि(सेजस (श्रेयांस) ८६.८८ सुनंदा १७५९४,९८,११६,१२७,१३)। सिद्ध ५३ सुंदरी १९१ १४४,१५ सिद्धस्थ (सस्थवाह) १५७ सुंदरीनंद १९१,१९४ सेयणय सिद्धृत ८२ |सुपास जिण १९२ सेयवड सिद्धपुत्त३३,३९,१२९,१३४,२०७ सुबंधु १३८,१३९ सेयंस सिस सिद्धमातृका १७८ सुबुद्धि ८७ सेयंस (२) जिण सिद्धसेन दिवाकर सुभद्दा (सुभद्रा) ५५-५७,१२६ सोदास 卐 सिद्धायय(त)ण सुभूम १२३,१२४,१३४.१३६, सोप्पा(पा)रम १९.. म सिंधु नय १६५ सुमइ जिण सोमणस 卐 सिप्पा नई २०१ सुमंगल सियंवर सोमदेव (1) १७८ सुयदेवी (देवया)-श्रुतदेवी । सियवड ,(२) (देवता) १,२३,२५,२६, सोमप्पभ सियवडिय ८८,९६,१००,१०६,१०८, सिरिकता सोमप्पभा १११,१२२,१३६,१३८, सिरिघरिभ सोमसिरी १४२,१४५,१४८,१५०,१५६, 卐 सिरिपुर ॐ सोहम १६१, १७५,१७७,१७८सिरिमाली स्तिमित १८४,१८६,१८९,१९१,१९२, सिरी देवी २२२ १९४,१९५,१९७,१९९,२००, 卐 हस्थकप्प 卐 सिववद्धण २१८,२२१,२२६,२२७,२२९ म हस्थिणाउ(पु)र १२३," सिव(वा)देवी ७,१८,१९) सुरहा(ह)६,५८,१९५,२१३ १३५,१३६,१६२, सीतल जिण १९२ सुरप्पिय १०९॥ हस्थिसीसय सीमंधर १०८,१४८॥ सुरसेल १९२ हरि सीह २४ सुरेंददत्त ७४,७५ हरिनंदी सीहगिरि (१) १४८ सुलस २२० हरिवंस २१३ सुलसा ११२-११६ हलधर सुकुमारि(लिया १९८,१९९ सुविहि जिण १९२ हारप्पभा(हा) सुगय(त) सुब्वय (सुबत) साधु २१९ हासा. सुजसा २२० सुग्वय (२) ७१,१६४,१७०) हिमवंत सुजिट्ठा ११६ सुसेण ७३ हिमवान् 0.59 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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