Book Title: Dhammapada 02
Author(s): Osho Rajnish
Publisher: Rebel Publishing House Puna

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Page 10
________________ 3 ......104 | 11 तथाता में है क्रांति. | 112 उठो....तलाश लाजिम है.. अंतर्बाती को उकसाना ही ध्यान... 14 अनंत छिपा है क्षण में............... 115 केवल शिष्य जीतेगा ........ 16 समझ और समाधि के अंतरसूत्र...... ........... 17 प्रार्थना स्वयं मंजिल............ 18 प्रार्थना ः प्रेम की पराकाष्ठा......... ..176 19 जागरण का तेल+प्रेम की बाती-परमात्मा का प्रकाश................200 20 प्रेम की आखिरी मंजिल ः बुद्धों से प्रेम............ .......... .....152 ........... . . . . . . . . . . . . .

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