Book Title: Deepratnasagarjina 585 Prakashanoni Suchi
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Dipratnasagar, Deepratnasagar
View full book text ________________
ક્રમ
કુલ પાના
14 56
37
331 332
38 39
41
47 25
।
42
43
15
44
$4 e_file_no. (8) आगम-मंजूषा (मूल-प्रत) (याना पानाथी याद) 330 3937 | आगम मंजूषा 37 छेयसुत्तम मूल 04 दसासूयक्खंधो
3938 आगम मंजूषा 38 ए छेयसुत्तम मूल 05 ए जीयकप्पो
3939 आगम मंजूषा 38 बी छेयसुत्तम मूल 05 बी पंचकप्प भासं 333 3940 आगम मंजूषा 39 छेयसुत्तम मूल 06 महानिसीहं 334 3941 | आगम मंजूषा 40 मूलसुत्तम मूल 01 आवस्सयं निज्जुत्तिसहियं 335
| आगम मंजूषा 41 ए मूलसुत्तम मूल 02 ए ओहनिज्जुत्ति 336
3943 | आगम मंजूषा 41 बी मूलसुत्तम मूल 02 बी पिंडनिज्जुत्ति 337
3944 | आगम मंजूषा 42 मूलसुत्तम मूल 03 दसवेयालियं 338
3945 आगम मंजूषा 43 मूलसुत्तम मूल 04 उत्तरज्झयणं 339
| आगम मंजूषा 44 चूलिकासुत्तम मूल 01 नंदीसूर्य 340 | 3947 आगम मंजूषा 45 चूलिकासुत्तम मूलं 02 अनुओगदारं 341 | 3948 | आगम मंजूषा मूल कप्पसूयं । 342 | 3949 आगम मंजूषा एन 01 आयारो निज्जुत्ति 343 | 3950 | आगम मंजूषा एन 02 सुयगडो निज्जत्ति 344 3951 आगम मंजूषा एन 37 दसासूयक्खंधं निज्जुत्ति 345 3952 आगम मंजूषा एन 42 दसवेयालिय निज्जुत्ति 346 | 3953 आगम मंजूषा एन 43 उत्तरज्झयणं निज्जुत्ति
[ २-8] दुख पुस्त 53 दुख पाना 1521
ભાષા प्राकृत प्राकृत प्राकृत प्राकृत प्राकृत प्राकृत प्राकृत प्राकृत प्राकृत प्राकृत प्राकृत प्राकृत प्राकृत प्राकृत प्राकृत प्राकृत प्राकृत
45
3946
46
47
__32
22
| |
48
49
।
50
51
52
53
KRIES
कारबाट करनाल
મુનિ દીપરત્નસાગરજીના પ્રકાશનો
Page 23
585 पुस्तही, तारी- 31/10/2017 सुधी
Loading... Page Navigation 1 ... 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40