Book Title: Dashvaikalik Sutram
Author(s): Punyakiritivijay
Publisher: Shripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
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________________ श्रीदशवैकालिक श्रीहारिक श्रीदशवैकालिकसूत्रस्या नुक्रमः कमः वृत्तियुतम् 1.4 // श्रीदशवैकालिकसूत्रस्यानुक्रमः॥ विषयः सूत्रम् नियुक्तिः भाष्यम् पृष्ठः / क्रम: विषयः सूत्रम् नियुक्तिः भाष्यम् पृष्ठः // प्रथममध्ययन शब्दस्य निक्षेपः। - 11 - दुमपुष्पिकाख्यम् // 1-5 1-151 1-4 1-131 |1.9 दशवकालिकाभिधानहेतु: मङ्गलम्। श्रुतस्कन्धयोश्च निक्षेपाः मङ्गलत्रयहेतुः शास्त्रसमुत्थ-वक्तव्यतायां शब्दार्थश्च। 'येने त्यादीनि चतुर्विधोऽनुयोगः। - पञ्चद्वाराणि। 12-13 पृथक्त्वानुयोगाधिकार 'येने ति प्रथमद्वारे शरणकरणानुयोगस्य च शास्त्रकर्तुः शय्यंभवसूरेः निक्षेपादिद्वाराणि। - 4-5 कथानकम्। दशवैकालिकानुयोगा 1.11 'यमि'ति द्वितीयद्वारे रम्भः 'निक्षेपे'ति शास्त्राभिधानहेतुः 'यत' प्रथमद्वारं च। - इति तृतीयद्वारेएककनिक्षेपः। कस्मानियूंढमिति। - 15 दशवैकालिकस्य दश 1.12 'यत' इति तृतीयद्वारे शब्दस्य निक्षेपस्तथाकाल कस्मानियूंढमिति - 16-18 दशकविशेषार्थः। - 9-10 - 12 1.13 'यावन्ति'ति चतुर्थद्वारे दशवैकालिकस्य काल दशाध्ययनानि द्वे चूडे -

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