Book Title: Dashvaikalik Churni
Author(s): Jindasgani Mahattar, 
Publisher: Rushabhdevji Keshrimalji Shwetambar Samstha

View full book text
Previous | Next

Page 16
________________ अध्ययनै काथोः शब्दाः श्रीदश- रिसेत्ति वा वणत्ति वा अक्खेत्ति वा उसुत्ति वा गोलेत्ति वा पुत्तेत्तिपा उदएत्तिवा एतेहिं उवम्म कीरइत्तिकाउं ताणि भण्णंति नामाणि वकालका तस्स अज्झयणस्स, दुमपुफियत्ति जहा भमरो दुमपुप्फेहितो अकयमकारियं पुप्फ अकिलामेन्तो आहारेति, एवं अकयमकारियं चूर्णी निरुवधं गिहत्थाणं अपीलयं आहारं गेहइ । आहारएसणत्ति एगग्गहणे तज्जातीयग्गहणं उग्गमादिसुद्धं अरत्तदुद्रुण आहारे१ अध्ययन | यव्वं, गोयरेत्ति जहा सो वच्छओ तंमि सेट्ठिकुले ताए बहुगाए सव्वालंकारविभूसियाए उ चारिं दिज्जमाणं पलोएइ, सद्दादीसु ॥१२॥ न रत्ते दुट्टो वा, एवं भिक्षुणा हिडतेणं सद्दादीसु इवाणिविसएसु न रज्जियव्वं न य दुस्सियव्यंति। तदेति जहा चत्तारि घुणा पण्णत्ता, तंजहा-तयक्खाए छल्लिक्खाए कट्ठक्खाए सारक्खाए, तयक्खाए नामेगे णो सारक्खायी १ सारक्खाइ णामेगे णो तया-| खायी २ एगे तयखायीवि सारक्खायीवि ३ एगे णो तयक्खायी णो सारक्खायी ४, तयक्खायीसमाणस्स णं भिक्खुस्स सारक्खायी समाणे तवे भवइ, एवं जहा ठाणे तहेव । उंछत्ति दारं, ते चउव्विह, णामठवणाउ तहेव, दब्बुंछ जहा केइ तावसादी उंछंति, भावे, | अण्णायपिंडो । मेसुत्तिदारं, जहा मेसो अणायुगाणितो पिवेति एवं साहुणावि भिक्षापविद्वेण बीयकमणादि ण तहा हल्लफलयं कायव्वं जहा भिक्खाए दाया मूढो भवइ, सो वा तेण वारेयव्वो जेण परिहरइ। जलूगा, एत्थ चेव समोयारेयव्यो, भणियं चन दशस्तीक्ष्णनिपातैबन्धमायाति चात्मनः । जलूकापि तदेवार्थ, माईवेनोपसर्पति ॥ १॥ एवमणेसणाए, ण जहा मसओ दुक्खं उप्पाइचा रुधिरं पिबति, एवं णिवारेइ जहा तस्स दायगस्स मणो दहं न भवति, जलोगा व निवारणीयं पसण्णमणसणं । सप्पोत्ति जहा सप्पो सरत्ति बिले पविसति तहा साहुणावि अणासादेंतेण हणुयं असंसरतेणं आहारेयव्वं, अहवा जहा सप्पो एगदिट्ठी तहा णिग्गंथे पवयणे एगदिविणा होयव्वं । वणेत्ति जहा वणस्स मा फुट्टिहिति तो से मक्खणं दिज्जइ, एवं इमस्सवि. SACROCK

Loading...

Page Navigation
1 ... 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 ... 384