Book Title: Contribution of Jainas to Sanskrit and Prakrit Literature
Author(s): Vasantkumar Bhatt, Jitendra B Shah, Dinanath Sharma
Publisher: Kasturbhai Lalbhai Smarak Nidhi Ahmedabad

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Page 332
________________ बीसवीं शताब्दी की जैन संस्कृत रचनाएँ, उनका वैशिष्ट्य और प्रदेय ३०७ सम्यक्त्वसार शतकम् आचार्य ज्ञानसागर निजानुभवशतकम् आचार्य विद्यासागर श्रमणशतकम् आचार्य विद्यासागर निरंजनशतकम् भावनाशतकम् भावना शतकम् भावनाशतकम् सुनीति शतकम् भावनाशतकम् परीषटजयशतकम् भावनाशतकम् मुक्तक शतकम् भावनाशतकम् तीर्थ शतकम् मुनि नगराज भिक्षु शतकम् मुनि नगराज भिक्षुशतकम् मुनि नगराज भिक्षुशतकम् मुनि नथमल तुलसी शतकम् मुनि दुलीचन्द्र "दिनकर" अनुभूतिशतकम् चन्दन मुनि अणुव्रत शतकम् मुनि चम्पालाल कृष्णाजातकम् मुनि छत्रपाल जिनोपदेशशतकम् पं. जवाहरलाल शास्त्री चम्पूकाव्य :दयोदय चम्पू आचार्य ज्ञानसागर वर्धमान चम्पू पं० मूलचन्द्र शास्त्री श्रावकाचार एवं नीति विषयक :श्रावक धर्म प्रदीप आचार्य कुन्थसागर सुवर्ण सूत्रम् आचार्य कुन्थसागर पंचसूत्रम् आचार्य तुलसी शिक्षा षण्णवति आचार्य तुलसी कर्तव्यषट्त्रिंशिका आचार्य तुलसी दार्शनिक रचनाएँ :सम्यक्त्व चिन्तामणि - पं० पत्रालाल साहित्याचार्य सज्ज्ञान चन्द्रिका - पं० पन्नालाल साहित्याचार्य सम्यक्त्व चारित्रचिन्तामणि - पं० पन्नालाल साहित्याचार्य Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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