Book Title: Chinta
Author(s): Dada Bhagwan
Publisher: Mahavideh Foundation

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Page 1
________________ चिंता प्रयत्न कीजिये पर चिंता मत कीजिये कुदरत क्या कहती है कि कार्य नहीं होता हो तो प्रयत्न कीजिये, जबरदस्त प्रयल कीजिये मगर चिंता मत कीजिये। क्योंकि चिंता करने से उस कार्य को धक्का पहुँचेगा और चिंता करने वाला खुद लगाम अपने हाथों मे लेता है, मानो की 'मैं ही चलाता हूँ।' उसका गुनाह लागू होता है। "यह जगत कौन चलाता (चलाने वाला) है", यह जानें तो हमें चिंता नहीं होगी। -दादाश्री LOANS B00250030. डॉ.नीरूबहन अमीन

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