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[E ] डॉ० शैर्लोट क्राउज़े ( सुश्री सुभद्रा देवी )
डॉ. कपिलदेव द्विवेदी *
जन्मादिवृत्तम्
शैर्लोट क्राउज़े सैषा हेर्मोन क्राउज़े सुता । पञ्चनवति वर्षे सा अष्टादश शताधिके ॥ १ अष्टादशे मई मासे हाले शर्मण्य नामके ।
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विदुषे विदूषी पुत्री जनिं लेभे शुभे दिने ॥ २ ॥ विदुषी डॉ. शैर्लोट क्राउज़े श्री हेर्मोन क्राउज़े की पुत्री थीं। उनका जन्म जर्मनी के हाले नगर में १८९५ ई० में १८ मई को हुआ
था ॥ १-२ ॥
जनवरी सप्तविशे दिने ग्वालीयरे स्थले । संवत्सरे द्रशीतितमे ऊनविंश- शताधिके ॥ ३ ॥ पञ्चाशीनि वयस्का सा दिवं माता गुणोच्चया । अमरा स्वगुणैः श्रेष्ठौ जैन धर्मधुरन्धरा ॥ ४ ॥ उनका देहावसान ग्वालियर नगर में
२७ जनवरी १९८० ई० को हुआ। वे ८५ वर्ष की थीं । वे जैन-धर्म की धुरन्धर विदुषी थीं । वे अपने श्रेष्ठ गुणों के कारण अमर हो गई हैं ।। ३-४ ॥
अभिनन्दन
शर्मण्य देशोद्भव क्राउज़े सा
देवी सुभद्रेति शुभं स्वनाम
शैर्लोटवर्मा विदुषी विदग्धा ।
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जग्राह शास्त्रेस्वनुस्वभावा ॥ १ ॥
सुश्री डॉ. शैर्लोट क्राउज़े जर्मन महिला थीं। उन्होंने शास्त्रों में विशेषज्ञता प्राप्त की थी। उनकी जैन शास्त्रों के प्रति विशेष अभिरुचि थी । उन्होंने भारत में आकर अपना नाम सुभद्रा देवी रखा ।। १ ।। * पूर्व कुलपति, गुरुकुल महाविद्यालय, ज्वालापुर ( हरिद्वार ) ।
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