Book Title: Chapter on Passion
Author(s): N L Jain
Publisher: Parshwanath Vidyapith

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Page 333
________________ अट्ट दुग तिग चदुक्के अट्ठारस चोद्दसयं अट्ठावीस चउवीस अण मिच्छ मिस्स सम्म अणुपुव्वमणणुपुवं अथ थीणगिद्धिकम्म अध सुदमदि आवरणे अध सुदमदिउवजोगे अवगयवेदणवुंसय असण्णी खलु बंधइ आवलिय अणायारे आवलियं च पविद्वं आहारय-भविएस अंतोमुहुत्तमद्धं अंतोमुहुत्तमद्धं उक्कड्डदि जे अंसे उक्कस्य अणुभागे Appendix 4 KP Verse Index (कसायपाहुडसुत्तस्स गाहाणुक्कमो ) उगुवीसट्टारस उदओ च अनंतगुणो उदयादि या द्विदीयो उदयादिसु द्विदीसु य उवजोगवग्गणाओ उवजोगवग्गणाहि उवसामगो च सव्वो Jain Education International 37 51 27 234 39 235/128 211 189 45 85 15 225 48 103 112 222 185 50 242/145 179 180 65 69 97 उवसामणा कदि विधा उवसामणाखयेण दु उवसामणाखयेण दु एइंदियभवग्गहणेहिं एकसमयपबद्धाणं एक्कम्हि द्विदिविसेसे एक्कम्हि य अणुभागे एक्कम्मि ट्ठिदिविसेसे एक्कमि भवग्गहणे एक्केक्कम्हि य द्वाणे एक्क्काए संकमो एक्कं च द्विदिविसेसं एक्कं च द्विदिविसेसं एगसमयप्पबद्धा एत्तो अवसेसा एदाणि पुव्वबद्धाणि एदेण अंतरेण दु सिंद्वाणानं एदेसिंद्वाणाणं एदे समयपबद्धा एवं दव्वे खेत्ते एसो कमो य कोधे सोमो यमाणे ओकडुदि जे अंसे For Private & Personal Use Only 116 122 123 184 199 200 66 202 64 40 25 155 156 194 34 193 203 74 81 198 58 174 80 154, 221 www.jainelibrary.org

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