Book Title: Chandra Pragnaptisutram
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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क्रमांक
पृष्ठांक
विषय ५२ एनदश दिवसरात्रीणां नामानि तथा च तिथिनामानि ५३ अष्टाविंशतिनामाणां गोत्राणि भोजनानि च ५४ चन्द्रादित्यचानिरूपणम् ५५ लशकलोकोत्तरमासनामानि ५६ संवत्सरवरूपनिरूपणम् ५७ हितोय युगसवासनिरूपणम् ५८ प्रमाणसंवन्मरनिरूपणम् ५९ लक्षणसंवत्मनिरूपणम् ६० नक्षचकहानिरूपणम् ६१ नक्षत्रस्वरूपनिरूपणम् ६२ सीमाविष्कंभनिरूपणम् ६३ नक्षत्राणां चत्रेण सह योगकरणम् ६४ पौर्णमास्यमावास्यानिरूपणम् ६५ सूर्यस्य पौर्णमामी परिसमाप्तिदेशः १६ चन्द्रस्यामावास्या परिसमप्तिदेशनिरूपणम् ६७ सूर्यस्यामावास्या परिसमाप्तिदेशनिरूपणम् ६८ चन्द्रसूर्यो वा केन नक्षत्रेण पौर्णमासी समापयतीति ६९ सूर्यचन्द्रयोरमावास्या परिसमाप्तिनिरूपणम् ७. नक्षत्रेण सह योगकालनिरूपणम् ७१ नक्षत्रपरिभागनिरूपणम् ७२ संवत्सराणामादिस्वरूपनिरूणम् ७३ नक्षत्रादि सवत्सराणां संख्यादिकनिरूपणम् ७४ पश्चसंवत्सराणां संमेलने रात्रिंदिवपरिमाणं
७५ संवत्सराणां समादि समपर्यवसानम् • ७६ ऋतुवक्तव्यता प्रतिपादनम् '७७ सूर्यचन्द्रयोः आवृत्तिस्वरूपम् ७८ सूर्यचन्द्रयोः हेमन्तीमावृत्तिस्वरूपम् ७९ छत्रातिछत्रयोगे चन्द्रयोगनिरूपणम् ।
३५३-३६१ ३६१:-३६६ ३६६-३६८ ३६८-३६९ ३७०-३७६ ३७६-४०३ ४०४-४११ ४१२-४१५ ४१५-४२० ४२०-४२४ ४२४-४२९ ४२९-४३१ ४३२-४३५ ४३६-४३९ ४४०-४४२ ४४२-४४४ ४४५-४५६ ४५७-४६४ ४६४-४७० ४७०-१७३ ५४७४-४८८ ४८९-५०० ५०१५५०६ ५०६-५१५ • ५१५-६३५ ५३५-५५६ ५५६-५६६ ५६७-५६९

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