Book Title: Chandra Pragnapati ka Paryavekshan
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Z_Aspect_of_Jainology_Part_3_Pundit_Dalsukh_Malvaniya_012017.pdf

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Page 24
________________ श्री कन्हैयालाल 'कमल' चन्द्र और सूर्य के संयुक्त १. क्षेत्र आभ्यन्तर पुष्करार्ध में चन्द्र-सूर्य २. समुद्र कालोदसमुद्र में चन्द्र-सूर्य सम. ७२, सू. ५ सम. ४२, सू. २ x ग्रहों का सूत्र १. शुक्र का उदयास्त सम. १९, सू. ३ सम. १५, स. ३/४ ग्रह और चन्द्र का संयुक्त सूत्र १. ध्रुव राहु से चन्द्र के आवृत-अनावृत विभागों का क्रम नक्षत्रों के सूत्र १. जम्बूद्वीप में व्यवहार योग नक्षत्र २. नक्षत्रों का समांश ३. पूर्व द्वारवाले नक्षत्र ४. दक्षिण द्वारवाले नक्षत्र ५. पश्चिम द्वारवाले नक्षत्र ६. उत्तर द्वारवाले नक्षत्र सम. २७, सू. २ सम. ६४, सू. ४ सम. ७, सू. ८ सम. ७, सू. ९ सम. ७, सू. १० सम. ७, स. ११ चन्द्र और नक्षत्रों के सूत्र १. चन्द्र के साथ योग करने वाले नक्षत्र २. चन्द्र के साथ प्रमर्दयोग करने वाले नक्षत्र ३ चन्द्र के साथ पन्द्रह मुहूर्त योग करने वाले नक्षत्र ४. चन्द्र के साथ उत्तर दिशा से योग करने वाले नक्षत्र ५. चन्द्र के साथ द्वयर्द्धक्षेत्र के नक्षत्रों का योगकाल ६. चन्द्र के साथ अभिजित नक्षत्र का योगकाल सम. ५६, सू. १ सम. ८, सू. ९ सम. १५, सू. ५ सम. ९, सू. ६ सम. ४५. सू. ७ सम. ८, सू. ५ सम. ९, सू.७ ताराओं के सूत्र १. उपरितन तारागणों का भ्रमण क्षेत्र नक्षत्र-ताराओं के सूत्र अश्विनी नक्षत्र तारा संख्या भरणी नक्षत्र तारा संख्या कृत्तिका नक्षत्र तारा संख्या रोहिणी नक्षत्र तारा संख्या सम. ३, सू. ११ सम. ३, सू. १२ सम. ६, स.७ सम. ५, स्. ९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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