Book Title: Chandra Pragnapati ka Paryavekshan
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj
Publisher: Z_Aspect_of_Jainology_Part_3_Pundit_Dalsukh_Malvaniya_012017.pdf
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सूर्यमण्डल १. सूर्य मण्डलों की संख्या २. सूर्यमण्डलों की संख्या
३. सूर्यमण्डल प्रमाण
४. सूर्यमण्डल समांश
५. प्रथम सूर्यमण्डल का आयाम - विष्कम्भ
६. द्वितीय सूर्यमण्डल का आयाम - विष्कम्भ ७. तृतीय सूर्यमण्डल का आयाम - विष्कम्भ ८. प्रत्येक सूर्यमण्डल में सूर्य की गति के मुहूर्त सूर्य का आभ्यन्तर मण्डल में उपसंक्रमण ( भरतक्षेत्र से सूर्यदर्शन की दूरी का प्रमाण ) १०. सूर्य का बाह्यमण्डल में उपसंक्रमण
९.
( भरतक्षेत्र से सूर्यदर्शन की दूरी का प्रमाण ) ११. आभ्यन्तर तृतीयमण्डल में सूर्य का उपसंक्रमण ( भरतक्षेत्र से सूर्यदर्शन की दूरी का प्रमाण ) १२. सूर्य से ऊपर और नीचे सूर्य का तापक्षेत्र
चन्द्रप्रज्ञप्ति और सूर्यप्रज्ञप्ति का पर्यवेक्षण
समवायांग
सूर्य के सूत्र
१३. रत्नप्रभा के ऊपर के सम भू-भाग से ऊपरकी ओर सूर्य की गति का क्षेत्र
१४. सूर्य का परिवार
१५. उत्तरायण से निवृत्त सूर्य का अहोरात्र - के प्रमाण पर प्रभाव
१६. दक्षिणायन से निवृत्त सूर्य का अहोरात्र - के प्रमाण पर प्रभाव
१७. उत्तर दिशा में प्रथम सूर्योदय की दूरी का प्रमाण
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१. चन्द्रमण्डल का समांश
२. कृष्णपक्ष में और शुक्लपक्ष में चन्द्र की हानि - वृद्धि का प्रमाण ३. चन्द्र का परिवार
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समवायांग
चन्द्र के सूत्र
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सम. ६५, सूत्रांक १
सम. ८२, सू. १
सम. १३, सू. ८
सम. ६१, सू. ४
सम. ९९, सू. ४
सम. ९९, सू. ५
सम. ९९, सू. सम. ६०, सू. १
सम. ४७, सू. १
सम. ३१, सू. ३
सम. ३३, सु. ४ सम. १९, सू. २
सम. प्र. ४६
सम. ८८, सू. १
सम. ७८, सू. ३
सम. ७८, सू. ४
सम. ८०, सु. ७
सम. ६०, सू. ३ सम. ६२, सू. ३
सम. ८८, सू. २
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