Book Title: Chandonushasan Author(s): Vijaylavanyasuri, Vijaysushilsuri Publisher: Gyanopasak Samiti View full book textPage 7
________________ [ आ ] दिवसथी महोत्वसनो प्रारंभ अने जेठ वद ६ [वैशाख वद ६] ने बुधवारना दिवसे शुभ मुहूर्त प्रतिष्ठा तथा अष्टोत्तरीस्नात्र, तेमज सातम ने गुरुवारना दिवसे उद्घाटन वगेरेनां आवतां श्रीस घे सोत्साहपूर्ण तैयारी करी लीधी. श्री संघ आमन्त्रण-पत्रिका काढी गामने शणगायु. चलचित्रनी धार्मिक विविध रचनाओ करवामां आवी. सुमेरपुरथी श्रीवर्द्धमान जैन विद्यालयनी बेन्ड साथे संगीतमंडली बोलावरावी. विधिकारकने बोलाव्या. मंजराज-रथ-इन्द्रध्वज आदि पण बहारथी आवी गया. आ बाजु प० पू० ० श्रीमद् विजयलावण्यसूरीश्वरजी म० श्री पण वराडमां शासनप्रभावक महामहोत्सवपूर्वक वैशाख शुद छठना दिवसे नूतन जिनमन्दिरमा मूलनायक श्री शीतलनाथ भगवान आदि जिनबिम्बो वगेरेनी महामंगलकारी प्रतिष्ठा करी तथा स्व पट्टधर पू० उपाध्याय श्रीदक्षविजयजी म० श्री ने विधिपूर्वक आचार्यपदथी समलंकृत करी, पू० अभिनवाचार्य श्रीविजयदक्षसूरीश्वरजी म०, पू० पं० श्रीसुशील विजय म०, पुं० पं० श्रीचंदनविजय म०, पू० मु० श्रीजितेन्द्रविजय म०, पू० मु० श्रीमनोहरविजय म०, पू० मु० श्रीरत्नशेखर विजय म० तथा पू० बालमुनि श्रीअभयशेखर विजय म० आदि परिवार सहित विहार द्वारा सनवाडा पधारतां श्रीसंघे भावमोनु भव्य सामैयु कयु. . वैशाख शुद १४ ने मंगलवारथी महोत्वसनो प्रारम्भ थयो. जेठ (वैशाख) वद ६ ने बुधवारना दिवसे बन्ने पू० आ० म० श्री आदिना वरद हस्ते प्रतिष्ठा थई. तेमां- .Page Navigation
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