Book Title: Chaiyavandanmahabhasam
Author(s): Shantisuri
Publisher: Jinshasan Aradhana Trust

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Page 177
________________ चैत्यवन्दनमहाभाष्य ११९ २ . गाचारम्भः पृष्ठम् गाथारम्भः अवणामितिमंगो ... भागारेहि बमग्गो अवसउणकप्पणाए आगासस्स पएसा ... भविहिमरणं मकाले माणाणुपालणाओ अम्बाबाहं भणियं आयरसूयणहेडं ... ... ... ... १२६ असढस्स अपरिसुद्धा आरोग्गबोहिलामं असुइमलपूरियंगा आलंबणनिरवेक्खा असुहनिवारणसत्ती आलावयरूवाइं ... ... असोगरुक्खो सुरपु आलोयचलं चक्खू ... अह कोइ सबुद्धीए ... अह छ?संपयाए... ... आसायणा अवन्ना अह तं न करेसि तुमं ... आसो व्व विसमपायं ... मह ते न पसीयंति हु ... आह करेमि भणिता ... अह थुइवाओ एसो ... माह किमेवइय थिय .... अह पुव्वं चिय केणइ ... आह किमेसा तुन्भे अह भणति सुत्तवुत्तं ... आह जह पुनपुरिसा .... ... २१ महव चिइवंदणाओ आह परो जिणवंदण- ... . अहव सिवादेवीए ... आह फुडं नहि मुणिमो... अहवा अरिणो सत्तू ... आह भुवणेकपहुणो अहवा चउदिसिधार आहरणं पुण एत्थं - ... अहवा जत्थ वि तत्थ वि इचाइसुत्तविहिणा. ... अहवा भारहवासे ... हड्डीपत्तो सड्डो ... ... अहवा वि न-मा-सदा ... इत्थीपुरिसनपुंसक- ... ... १३१ अहवा वि नमो अव्वय इंतेहिं जंतेहि य ... ... ... १३२ अहवा वि भावभेया ... इंदियविसयकसायाअहवा संसयतामस- ... इय जत्य जिणो विहरह... अह सत्तमबिरईए ... इय दहतियपरिसुद्धं अहिए भावुल्लासे... ... इय दोसविप्पमुको ... अहिओ धम्मुच्छाहो ... इय पाडिहेररिद्धी ... अहिगारिणाउ काले ... इय पूय चिय एगा ... अहिगारीणमिमेसि इय बहुविहकिंवाई आइगरा ते भणिया इय भावधम्मतित्य- ... आइच्चा दिवसयरा इय वहमाणतित्था- ... ... आगंतुगा य दुविहा ... ... ८१ इय सव्वचेइयाण वि ... ... ::::::::::::::::::::::::::::::::: १३४ ८२ . .

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