Book Title: Bruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Author(s): Udaychandra Jain
Publisher: New Bharatiya Book Corporation

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Page 15
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir यथायथं ८६८ यद् यथायथं (अव्य०) यथा योग्य, जैसा कि यथोचित, नियमित, क्रम से। यथायुक्तं (अव्य०) यथायोग्य, यथोचित, शक्ति के अनुसार। यथायोग (अव्य०) यथोचित, नियमित, उचित, सही। यथारुक् (अव्य०) रुचि के अनुसार। यथारुचं (अव्य०) रुचि के अनुकूल। (सुद० २१) यथारूचि (अव्य०) स्वेच्छानुसार। यथारूपं (अव्य०) रूप के अनुसार, दर्शन के अनुरूप। यथार्थ (वि०) वास्तविक, स्वाभाविक। (जयो० १६/४२) यथार्थतः (अव्य०) स्वाभाविकतः। 'संपद्येत यथार्थतो जनुषि सत्येवं मुदा मध्यते। (मुनि० ३१) यथावत् (अव्य०) ठीक ठीक, ज्यों का त्यों, यथोचित। (वीरो० २२/८) विधि, नियम के अनुसार। सम्यक् प्रकारेण (जयो० १/४४) श्रीविग्रह स्निग्धतनोर्य थावत्सो ऽन्त : स्थसम्यग्वलिनोऽनुभावः। (सुद० २/४३) यथावसर (अव्य०) यथानुरूप। (जयो० २/१००) यथाविधि (अव्य०) विधि के अनुसार, ठीक ठीक, यथोचित। (सुद० ११४) यथाविभवं (अव्य०) अपनी आय के अनुपात से। यथावृत्त (वि०) जैसा कि हो चुका। किया गया। यथाशक्यं (अव्य०) यथासंभव। (दयो० १/२५) यथाशक्ति (अव्य०) शक्ति के अनुसार, यथासंभव। (दयो० ४८) 'निरीहत्वमनुध्यायेद्यथाशक्त्यर्तिहानये' (सुद० १२५) परोपकरणं पुण्याय पुनर्न किमिति यथाशक्ति सञ्चरतु। (सुद० १००) यथाशक्त्या (अव्य०) शक्ति के अनुसार। यथा शास्त्रं (अव्य०) ०धर्मशास्त्रों के अनुसार, जैसा कि ध र्मशास्त्रों में कहा गया। यथाश्रुतं (अव्य०) जैसा सुना गया। यथाश्रुति (अव्य०) श्रुति के अनुसार, परम्परानुसार। यथासंख्यं (अव्य०) ०संख्यानुसार। ०(नपुं०) अलंकार विशेष। (जयो०वृ० ३/१) यथासंख्येन (अव्य०) संख्या के अनुरूप। यथासंभव (वि०) शम्य, समर्थ, यथाप्रतीति। (सम्य० १३५, जयो०१० २/१२०) यथासमय (अव्य०) उचित समय पर, समयानुसार। (दयो०६१) यथासुखं (अव्य०) इच्छानुसार, आराम से, सुखपूर्वक, परिस्थितियों के अनुकूल। यथास्थानं (अव्य०) सही, उचित स्थान। यथास्थित (वि०) वास्तविकता को प्राप्त हुआ। यथास्यात् (अव्य०) जैसा हो। (जयो०७० १५/४९) यथास्वं (अव्य०) अपने अपने क्रम से। यथास्वशक्ति (अव्य०) शक्ति के अनुरूप। (समु० १/१०) यथेच्छ (अव्य०) इच्छानुसार, चाहा गया हो जैसा। यथेच्छा (अव्य०) कामना के अनुसार, चाहा गया हो। (जयो० १/२०) इच्छानुसार (वीरो० ५/२१) ०इष्टं, प्रिय, मनोज्ञ। (जयो०१० ३/१६) अभिप्राय सहित। (दयो० ९५) जितनी आवश्यकता हो उतना। (जयो० १/६६) ०मन भरकर, अभिप्रेत। यथेष्ट (अव्य०) पर्याप्त बहुत सा। (समु० ९/२५) यथेष्टवस्तु (वि०) पर्याप्त सामग्री। (जयो० १/१७) यथैव (अव्य०) जैसा कि-जिस प्रकार। (सुद० १/९) यथोक्त (वि०) पूर्वोक्त, जैसा कि कहा गया। यथोक्तकाल (वि०) काल के अनुसार प्रतिपादित। (दयो० २२) यथोज्झित (वि०) विधिवत् त्यागा गया। (मुनि० १७) यथोचितं (अव्य०) उपयुक्त, उचित, योग्य, ठीक ठीक, उपयुक्त, ०यथाशम्य (जयो० २/९१) न्यायोपार्जित। (जयो० २/९१) यथोत्तरं (अव्य०) उत्तरोत्तर। (सुद० २/४६) यथोत्तरं पीवरसत्कुचोरः स्थलम्। (सुद० २/४६) नियमित क्रम से, यथाक्रम से। (सुद० ११/८०) (वीरो० २/४६) अग्रेऽन, आगे आगे। (जयो० ५/९३) यथोत्तरं शक्ततया विचित्रं (भक्ति० १०) नमामि तत्पञ्चविधं चरित्रम्। (भक्ति० १०) यथोत्साहं (अव्य०) अपनी शक्ति के अनुसार, पूरी शक्ति से। यथोदय (अक०) समुद्य काल, पूर्वोक्त समय। (जयोल १५/२) यथोचित। (जयो०२/७७) यथोद्देश्यं (अव्य०) संकेतित पद्धति से, विशेष रीति से। यथोपजोषं (अव्य०) मन के अनुसार, इच्छानुसार। यथोपयोगं (अव्य०) कार्य की दृष्टि से। यद् (सर्व०) जो, जो कुछ। जैसा कि, जो कोई। पश्चात्, तदनंतर। ० चूंकि, क्योंकि, इसलिए, लेकिन। For Private and Personal Use Only

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