Book Title: Bruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Author(s): Udaychandra Jain
Publisher: New Bharatiya Book Corporation

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Page 19
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir याचकः ८७२ यानजः याचकः (पुं०) [याच्+ण्वुल] भिक्षुक, भिखारी, आवेदक। । यातना (स्त्री०) वेदना, पीडा, कष्ट, दु:ख। दीनता। (वीरो० १२/४१) प्रतिशोध, क्षतिपूर्ति। यागगुरुराट् (पुं०) पुरोहित। (जयो० १२/२७) ०संताप, संपीडन। यागगुणाभिषेकः (पुं०) विप्रवर, पुरोहित, यज्ञकर्ता। 'यागस्य यातन्त (वि०) प्रकरणान्त, मार्गान्त। (जयो० ३/८४) हवनस्य गुणे वृद्धिकरणेऽभिषेको दीक्षाप्रयोगो यस्य यज्ञकर्ता | यातुः (पुं०) यात्री, बटोही। विप्रवर! (जयो० १६/२५) ०हवा, पवन। यागविभूति (स्त्री०) सुवृत्त, गोलाकार कुण्ड, यज्ञकुण्ड। ०भूतप्रेत, पिशाच, राक्षस। (जयो०वृ० १०/८०) यात् (स्त्री०) [यत्+कन्] जेठानी, देवरानी। यागावनि (स्त्री०) यज्ञ भूमि। (जयो० १२/२५) यात्रा (स्त्री०) [या+ष्ट्न्+टाप्] गति, जाना, प्रयाण, गमन। याचनं (स्त्री०) [याच्+ल्युट] ०मांगना, निवेदन करना। (जयो० ३/९१) 'म्लायन्ति तद्वधूनां मुखारविंदानि यात्रासु' प्रार्थना, अनुरोध। (जयो० ६/५३) याचनकः (पुं०) [याचन् कन्] भिखारी, भिक्षुक, अभियोक्ता, तीर्थाटन, भ्रमण। (जयो० ३/८६) आवेदक। याचना (स्त्री०) मांगना, प्रार्थना करना। उत्सव, पर्व, संस्कार। ०अनुनय करना। रीति, पद्धति, उपाय। ०अभ्यर्थना (जयो० १२/१४४) ०प्रथा, प्रचलन। याचित (भू०क०कृ०) [याच्+क्त] निवेदन किया गया, मांगा यात्रिक (वि०) यात्रा करता हुआ। गया। प्रचलित, प्रथानुकूल। याचितकं (नपुं०) [याचित+कन्] मांगी गई वस्तु। यात्रिकः (पुं०) यात्री, बटोही। याचिवान् (वि०) मांगी गई वस्तु। (जयो० १/९२) यात्रिकं (नपुं०) प्रयाण, अभियान, चढ़ाई, प्रस्थान। याञ्चा (स्त्री०) [याच्+न+टाप्] प्रार्थना, अनरोध, निवेदन। | यात्री (पुं०) यात्री, बटोही, देशाटनी। (जयो० १८/६०) (जयो० १/७२) याथातथ्यं (नपुं०) [यथातथ+ष्यञ्] वास्तविकता, सच्चाई, याचना। (जयो० १४/३५) यथार्थता। मांगना। औचित्य। याजकः (पुं०) [यज्+णिच्+ण्वुल्] पुरोहित, यज्ञ कराने वाला। याथार्थ्यं (नपुं०) सही प्रकृति, सच्चा चरित्र। याजनं (नपुं०) [यज्+णिच्+ ल्युट्] यज्ञ का संचालन, अनुष्ठान। यादवः (पुं०) [यदोरपत्यं-अण] यदुवंशी। याज्ञसेनी (स्त्री०) [यज्ञसेन+अण+ङीप] द्रौपती का पितृपरक यादस् (नपुं०) [यान्ति वेगेन-या असुन] समुद्री जन्तु, विशाल नाम। जन्तु, दानव। याज्ञिक (वि०) [यज्ञाय हितं, यज्ञः प्रयोजनस्य वा ठक्] यज्ञ यादृक् (वि०) जिस प्रकार का, जैसाकि। सम्बन्धी। यादृक्ष (वि०) जिस प्रकार का, जिसके समान। (सम्य० ७/८) ०वेदानुयायी। (वीरो० २२/१६) (जयो० १६/३२) याज्ञिकः (पुं०) पुरोहित। यादृच्छिक (वि.) ऐच्छिक-आकस्मिक। याज्य (व०) [यज्+ण्यत्] त्याग करने योग्य। यादृश् (वि०) जैसा ही, जिस तरह का। यात (भू०क०कृ०) गया हुआ, प्रयात, दूरगत। (जयो० ११/४४) यातं (नपुं०) गति, चाल। यादृशी (वि०) जैसी-यादृशी भवतामिच्छा। (दयो० ७४) ०बीतता, चला गया। (सुद० १०८) यानं (नपुं०) [या भावे ल्युट्] जाना, चलना। प्रयाण, गमन। ०अभियान, गमन। यातनं (नपुं०) [यत्+णिच् ल्युट्] ०प्रतिहिंसा, प्रतिरोध, बदला। ०यात्रा प्रयाण। कष्ट, पीड़ा, दुःख देना। ०वाहन, सवारी, गाड़ी। यानजः (पुं०) निहार, गमन। (सुद० ८६) For Private and Personal Use Only

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