Book Title: Bhikkhu Jash Rasayan
Author(s): Jayacharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 369
________________ संथारा संलेखणा । संवर सज्झाय समकत (समकित) समिति सरधा सामायिक अनशन-आहार-पानी आदि का आजीवन त्याग। अनशन से पूर्व विविध प्रकार की तपस्याओं के द्वारा शरीर को कृश करना। पापकारी प्रवृत्ति का निरोध। अध्यात्म शास्त्र का अध्ययन। इसके पांच प्रकार हैं। यथार्थ तत्त्व श्रद्धा-जीव आदि तत्त्वों में सम्यक् श्रद्धा। सम्यक् प्रवृत्ति। ईर्या, भाषा, एषणा आदि। सम्यग् दृष्टि। श्रावक के बारह व्रतों में से नवां व्रत, जिसमें एक मुहूर्त (४८ मिनट) के लिए सावध प्रवृत्ति का त्याग कर विशेष धार्मिक अनुष्ठान के द्वारा समता की साधना की जाती है। पाप सहित। अष्ट कर्म का क्षय करने वाली आत्मा। सावध सिद्ध ३२२ भिक्खु जश रसायण

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