Book Title: Bhikkhu Jash Rasayan
Author(s): Jayacharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 374
________________ ११४ १६८ १७८ ६७, १४१, २२५ १५९ ९४ २३६ १९५ २५१ २६३ १७ जीवा! मोह अनुकम्पा न आणीयै (म्हांनै प्यारो लागै बिछीयो) (आ तो राम रसे राची घणी) १८ जै जै जै गणपति नै नमूं रे नमूं १९ ज्यांरा इन्द्र नरेन्द्र रुखवाळा २० डाभ मुंजादिक नी डोरी २१ दया धर्म श्री जिनजी नी वाणी २२ दलाली लालन की (करकसा नार मिली) २३ देवै मुनिवर देशना २४ धन धन भिक्खु स्वाम दीपाई दान दया २५ धन धन जम्बू स्वाम नै (श्री सीमंधर मेरा) २६ धिन धिन जीवजी २७ धिन प्रभु रामजी (हो मेरे पूज्य जी) २८ धीज करै सीता सती रे लाल (पाखंडिया री संगत बुरी रे लाल) २९ नगर सोरीपुर राजवी रे ३० नहीं इसो दूसरो महावीर (कपि रे प्रिया संदेसौ) ३१ नाटक भरतादिक तणा ३२ पंथीड़ा रे बात कहो नी धुर छेह थी रे (धोबीड़ा रे धोजे मैला लूगडा रे) ३३ पर नारी रो संग न कीजे (घोड़ी री) ३४ परम गुरु पूजजी मुज प्यारा रे ३५ पांडव बोलै बोल ३६ पुन्य नीपजै सुभ जोग सूं रे लाल ३७ पूजजी पधारो हो नगरी सेविया १३०, २४९ ४९, ६४ १६२ १५५ ४. ३१, ३०३ प्रस्तुत ग्रंथ में प्रयुक्त धुनें (देसियां) ३२७

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