Book Title: Bhavi Jineshwar Amamswami Charitra Mahakavya Part 02
Author(s): Muniratnasuri, Vijaykumudsuri
Publisher: Manivijay Ganivar Granthmala

View full book text
Previous | Next

Page 8
________________ अमम० अशुद्ध - पृष्ठ श्लोक शुद्धि पत्रो सूति शुची 492 // 6 // तस्यिरे शीर धुनान् शिक्षयेतं 401 49 6468* *888**68* * कंस की शुद्ध पृष्ठ श्लोक | अशुद्ध 392 90 रंगतत्स तस्थिरे 393 15 किं त्व शर 306 66 न कोपि धुनानः भक्त्वा शिक्षयेऽहं 104 तुट् कंसः 404 कर्ती विष्णुर्म ૪ર૭ 436 39 मै भीष्ट 438 77 अंक तेऽप व्यधु 446 2 देनताः 451 100 ववोमि 455 64 स्मादुः 456 72 वन्क्षि 44 34 838 183% 466 क्षोणी चन्द्रा 49 वर्त्य सुदुर्भ त्येष वेद विद पृष्ठ श्लोक | अशुद्ध रंगत्स 458 5 सूत्ति 462 9. शुची कोपि 463 94 | शोणी भक्त्वा 465 36 चान्द्रा 465 44 48 63 वत्स्य 471 50 471 52 त्येप 474 7 बुग्म 475 30 सैन्येः देवताः पश्चान्मु इवोमि 483 29 | तत्रे स्माद्दुः 484 54 शाह्मिण वक्षि विंश शैल 489 20 / विष्णुम कौतुको भीष्ट 945 509 प्रे 510 च्यधु धीर पश्चात्सु धीर तत्रै 532 तुङ्गों शानि ***680**88* *Hat प्यर्जिता प्यर्थिता // 6 // आकण्पये आकण्य

Loading...

Page Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 ... 272